भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता से नोएडा के व्यापारी गदगद, वस्त्र उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
India UK Trade Agreement भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से जिले के रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग में नई संभावनाएं खुल गई हैं। इस फैसले से रेडीमेड गारमेंट्स पर लगने वाला 13% निर्यात शुल्क लगभग शून्य हो जाएगा जिससे मांग बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इससे भारत से ब्रिटेन को होने वाला 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का रेडीमेड गारमेंट्स निर्यात और बढ़ेगा।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। India UK FTA: भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने जिले के रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। जिले के निर्यातकों ने इस पहल का स्वागत करते हुए खुशी जताई है।
जिले से करीब 46 हजार करोड़ का रेडीमेड गारमेंट्स का निर्यात होता है। इस फैसले से रेडीमेड गारमेंट्स पर लगने वाले मौजूदा 13 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगभग शून्य हो जाएगा, जिससे यहां के रेडीमेड गारमेंट्स की मांग में कई गुना बढ़ोतरी दर्ज होगी।
भारत ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से उद्योग जगत में कारोबारी हलचल तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि यह समझौता भारत से ब्रिटेन को होने वाले कुल 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर (103 लाख करोड़ रुपये) के रेडीमेड गारमेंट्स निर्यात को और बढ़ाएगा।
समझौते के तहत करीब 1143 उत्पादों पर टैरिफ शून्य हो जाएगा। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और कंबोडिया जैसे देशों को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त व्यापार की सुविधा थीं। अब भारत भी इस श्रेणी में शामिल हो गया है।
इससे भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। होम टेक्सटाइल्स, कालीन और हस्तशिल्प जैसे उत्पादों की मांगों में अचानक बढ़ोतरी की उम्मीद है। अगले दो सालों में ब्रिटेन के रेडीमेड गारमेंट्स बाजार में करीब 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़त बनाए जाने की संभावना है।
यह समझौता नोएडा के परिधान निर्यात क्लस्टर के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। जिससे रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। यह कदम भारत के वस्त्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।- राजीव बंसल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आइआइए।
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते से रेडीमेड गारमेंट्स समेत अन्य वस्तुओं की मांगों में इजाफा होगा। बांगलादेश देश से ब्रिटेन के बाजार में कड़ी टक्कर मिलेगी। वहीं अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई हैं। इससे निर्यातकों का रुझान भी ब्रिटेन की ओर बढ़ेगा।-सामंत साद, निर्यातक नेहक्लांक टेक्सटाइल्स।
ब्रिटेन व्यापारिक गतिविधि वाला देश हैं। वह दैनिक उपयोग वाली अधिकांश वस्तुओं का आयात दूसरे देशों से करता है, जिस कारण खानपान से लेकर अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं का निर्यात में कई गुना इजाफा होगा। - विशारद गौतम, सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी आइआइए।
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