नोएडा के मेट्रो अस्पताल की नई पहल, हृदय रोगियों को मिलेगा बेहतर इलाज
नोएडा के मेट्रो अस्पताल ने हृदय रोगियों के लिए हार्टवाइस सेकंड ओपिनियन क्लीनिक शुरू किया है। डॉ. विनय कुमार बहल और डॉ. समीर गुप्ता इस क्लीनिक का नेतृत्व करेंगे। यहाँ मरीजों को गहन जांच के बाद उचित परामर्श मिलेगा जिससे वे उपचार के बारे में सही निर्णय ले सकेंगे। इसका उद्देश्य अनिश्चितता को कम करना और अनावश्यक प्रक्रियाओं से बचाना है। यह पहल जिम्मेदार चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण कदम है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। हृदय रोगियों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण उपचार देने और युवाओं को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए सेक्टर-11 स्थित मेट्रो अस्पताल प्रबंधन ने हार्टवाइस सेकंड ओपिनियन क्लीनिक शुरू किया है।
दिल्ली एम्स में कार्डियोलाजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार बहल और सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट व समूह प्रमुख डॉ. समीर गुप्ता मिलकर क्लीनिक की कमान संभालेंगे। विशेष बात है कि क्लीनिक में मरीज के साथ उनके स्वजन को गंभीर से परीक्षण के बाद उत्तम परामर्श मिलेगा।,
उन्हाेंने बताया कि करीब 30 प्रतिशत मरीज अस्पतालों में विशेषज्ञों से मिलने के बाद भी अगले कदम के लिए असमंजस में रहते हैं। हार्टवाइस सेकेंड ओपिनियन क्लीनिक में इसी दुविधा को दूर किया जाएगा। सबसे पहले मरीज उनके तीमदारदार ऑनलाइन अपाटमेंट लेकर पंजीकरण कराएंगे।
क्लीनिक में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट एंजियोग्राफी, इकोकार्डियोग्राफी और पुराने मेडिकल रिकार्ड्स की गहन जांच पड़ताल करेंगे। मरीज की हिस्ट्री देखने के बाद उनकी डिजिटल जांच कराकर रिपोर्ट दिखाएंगे। हालांकि, मरीज की जांच बेहद जरूरी होने पर करेंगे।
एनाटामी या जोखिम स्पष्ट करने के लिए यदि किसी अतिरिक्त टेस्ट की ज़रूरत हो तो उसे सुनियोजित ढंग से सलाह दी जाएगी। बाद में उम्र, कोरोनरी एनाआमी और भारत में उपलब्ध सुविधाएं व सह-रोग जैसे डायबिटीज, किडनी रोग की गंभीरता को बताएंगे।
क्लीनिक में मरीज को लिखित उपचार योजना बताई जाएगी। साथ ही उनके स्वजन को भी पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे। डा. समीर का कहना है कि हृदय उपचार में अक्सर एक से अधिक विकल्प होते हैं। मरीज भी विभिन्न विशेषज्ञों के पास जाकर दुविधा में हो जाता है।
उनका उद्देश्य अनिश्चितता कम करना, मरीज को अनावश्यक प्रक्रियाओं से बचाना और विशेषकर जटिल मामलों में प्रक्रिया को समझाया जाएगा। वहीं, पद्म विभूषण से सम्मानित और मेट्रो समूह के चेयरमैन डा. पुरषोत्तम लाल का कहना है कि सेकंड ओपिनियन जिम्मेदार चिकित्सा का संकेत है।
यह कार्यक्रम उसी बात को औपचारिक रूप देगा जो अच्छे चिकित्सक करते हैं। ध्यान से सुनना, पूरी तरह विश्लेषण करना और पारदर्शी सिफारिश देना। उन्होंने कहा कि बायपास या स्टेंटिंग की सलाह पाए वे मरीज जो आगे बढ़ने से पहले पुष्टि चाहते हैं, डायबिटीज, सीकेडी के मरीज, विभिन्न केंद्रों से सिफारिशें लेने वाले व हालिया एंजियोग्राफी के साथ भर्ती मरीजों को सेकेंड ओपिनियन लेने की जरूरत है।
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