नोएडा एयरपोर्ट से खराब मौसम में भी आसान होगी उड़ान, 50 मीटर विजिबिलिटी में हो सकेगी आवाजाही
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है जो कैट-3बी तकनीक से लैस है। इससे कम दृश्यता में भी विमानों का संचालन सुरक्षित होगा। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रनवे होगा। पहले चरण में 28 विमान खड़े हो सकेंगे। अक्टूबर के अंत तक उद्घाटन की संभावना है जिससे उड़ानों में देरी की समस्या कम होगी।

मनोज कुमार शर्मा, ग्रेटर नोएडा। जेवर में बनकर तैयार हो रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida Airport) का रनवे इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) जैसी उन्नत क्षमता से सुसज्जित है। जिसकी वजह से बहुत कम दृश्यता में भी विमानों की सुरक्षित उड़ाने कराने में आसानी होगी।
एयरपोर्ट से घने कोहरे,भारी वर्षा के समय 50 मीटर तक की बेहद कम रनवे दृश्यता (आरवीआर) दृश्यता की स्थितियों में विमान संचालन जारी रखा जा सकता है। कैट-3 बी क्षमता से सुसज्जित रनवे होने से उड़ानों की देरी और रद होने की समस्या में कमी आएगी।
नोएडा एयरपोर्ट से कब शुरू होगी उड़ान
नोएडा एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन शुरू करने के लिए तेजी से काम पूरा किया जा रहा है। अक्टूबर के अंत में एयरपोर्ट के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा गया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण जेवर के छह गांव की 1339 हेक्टेयर जमीन तीस हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है।
एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक सुविधाओं को विकसित करने के लिए देश विदेश की नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। खराब मौसम में भी आसानी से विमानों की उड़ानों का संचालन करने के लिए कैट-3 बी क्षमता से युक्त किया गया है।
नोएडा एयरपोर्ट से पहले दिल्ली, बैंगलूरू, कोलकाता,जयपुर,अमृतसर और लखनऊ छह एयरपोर्ट पर कैट 3 बी क्षमता है। एयरपोर्ट के रनवे पर पापी लाइट सिस्टम (प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर लाइट्स) लगाई गई है, जिससे विमान को लैडिंग और टेक आफ के दौरान पायलटों को सही ग्लाइड पथ बनाए रखने में मदद मिलेगी। उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में पड़ने वाले कोहरे में दृश्यता बेहद कम होने पर भी नोएडा एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन हो सकेगा।
प्रदेश का सबसे बड़ा होगा नोएडा एयरपोर्ट का रनवे
उत्तर प्रदेश में अभी तक लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर व अयोध्या सहित चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। नोएडा एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद देश का पहला राज्य होगा जिसमें में पांच अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट हो जाएंगे।
नोएडा एयरपोर्ट पर ए 350 और बोइंग 787 जैसे बडे विमानों को आसानी से लैडिंग कराने के लिए 3900 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा रनवे तैयार किया जा चुका है जो प्रदेश में अबतक का सबसे बड़ा रनवे है।
एक नजर में प्रदेश के इंटरनेशनल रनवे की लंबाई
एयरपोर्ट | लंबाई (मीटर में) | चौड़ाई (मीटर में) |
---|---|---|
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर | 3900 | 60 |
चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट लखनऊ | 2744 | 60 |
लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाराणसी | 2745 | 60 |
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट | 3200 | 45 |
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या | 2200 | 45 |
एयरपोर्ट के एप्रेन पर खड़े हो सकेंगे 28 विमान
नोएडा एयरपोर्ट के प्रथम चरण में एप्रेन पर 28 विमान एक साथ खड़े हो सकते हैं। टर्मिनल बिल्डिंग से विमान में यात्रियों की आवाजाही के लिए दस एरो ब्रिज बनाए गए हैं। टर्मिनल बिल्डिंग से एक साथ दस विमानों में यात्री बोर्डिंग कर सकते हैं। एयरपोर्ट का चौथा चरण पूर्ण होने के बाद 186 विमानों को एक साथ एयरपोर्ट पर खड़ा किया जा सकता है।
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