Noida Authority Notice: नोएडा के बिल्डरों को स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की अंतिम चेतावनी, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई
नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 78 स्थित सिक्का हाउस सोसायटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट न कराने पर जीएस प्रमोटर प्राइवेट लिमिटेड को अंतिम नोटिस जारी किया है। बिल्डर को 15 दिनों में जवाब देने और एक महीने में ऑडिट रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यदि जर्जर इमारतों के कारण कोई घटना होती है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने जीएस प्रमोटर प्राइवेट लिमिटेड (ग्रुप हाउसिंग प्लॉट जीएच-1सी), सिक्का हाउस, सेक्टर 78 को सोसायटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट न कराने पर अंतिम नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब 15 दिनों के भीतर देने की चेतावनी दी गई है।
बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए प्राधिकरण के पैनल में शामिल कंपनियों में से किसी एक द्वारा एक माह के भीतर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। अन्यथा, प्राधिकरण स्तर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि सोसायटी में कोई अप्रिय घटना घटती है, तो प्राधिकरण जिम्मेदार नहीं होगा।
गौरतलब है कि 18 जून को प्राधिकरण को एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें बेसमेंट के कॉलम और बीम से पानी का रिसाव, लिफ्ट का रखरखाव, व्यावसायिक ब्लॉक में बैंक की स्थापना, पार्किंग स्थल का आवंटन न होना और स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण संबंधी समस्याओं के समाधान और स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के संबंध में जानकारी दी गई थी।
इसके बाद, नियोजन विभाग के महाप्रबंधक इश्तियाक अहमद के नेतृत्व में एक टीम को निरीक्षण के लिए मौके पर भेजा गया था। निरीक्षण में शिकायत सही पाई गई। इस संबंध में बिल्डर को नोटिस जारी कर दिशा-निर्देश दिए गए।
हालांकि, काफी समय बीत जाने के बाद भी, बिल्डर ने अभी तक नोएडा प्राधिकरण को सूचित नहीं किया है। साथ ही, नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया है। बिल्डर की उदासीनता को देखते हुए, नोएडा प्राधिकरण नियोजन विभाग ने मंगलवार को सख्त कदम उठाया।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने बताया कि बिल्डर को अंतिम नोटिस जारी कर कहा गया है कि परियोजना की समस्याओं का 15 दिनों के भीतर समाधान किया जाए। साथ ही, एक महीने के भीतर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराकर प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
अन्यथा, प्राधिकरण कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। अन्यथा, प्राधिकरण स्तर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यदि जर्जर बहुमंजिला इमारतों के कारण कोई अप्रिय घटना घटती है, तो नोएडा प्राधिकरण किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा।
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