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    नोएडा के इंजीनियर को आठ दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, फिर साइबर ठगों ने लगाया करीब 23 लाख का चूना

    Updated: Sat, 17 May 2025 09:09 PM (IST)

    नोएडा में एक इंजीनियर साइबर ठगी का शिकार हो गया। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसे आठ दिनों तक डराया और लगभग 23 लाख रुपये ठग लिए। ड्रग्स के डर से ठगों ने छह अलग-अलग बैंक खातों में यह रकम ट्रांसफर कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। (60 words)

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    छह बैंक खातों में साइबर ठगों ट्रांसफर करवाई रकम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर ठगों ने इंजीनियर को आठ दिन डिजिटल अरेस्ट कर 22.84 लाख रुपये ठग लिए। साइबर ठगों ने ड्रग्स का डर दिखाकर ठगी को अंजाम दिया। छह बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर कराई।

    पीड़ित ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर क्राइम थाने में करीब पांच माह बाद ठगी का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ठगों की पहचान और तलाश में जुटी है।

    छलेरा गांव में रहने वाले ब्रिजेश मिश्रा के पास 28 दिसंबर 2024 को अनजान नंबर से राधिका शर्मा नाम की महिला की काल आई थी। उसने खुद को भारतीय डाक विभाग की कर्मचारी बताया था।

    उनके नाम से विदेश भेजे जा रहे पार्सल में पासपोर्ट, विदेशी मुद्रा, ड्रग्स, एटीएम कार्ड और लैपटॉप होना बताया था। इसके संबंध में मुंबई साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज होने और जांच का हवाला देते हुए कॉल को मुंबई पुलिस के पास ट्रांसफर कर दिया।

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    पुलिस अधिकारी ने ब्रिजेश को बताया कि उनके आधार कार्ड और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉड्रिंग और ड्रग्स तस्करी में हुआ है। उनको डराते हुए सहयोग करने को बोला। ऐसा नहीं करने पर तत्काल गिरफ्तारी होने की बात कही।

    उनके बैंक खातों में जमा धनराशि की जांच करने की बात कही। कहा कि जांच के बाद पूरी धनराशि खाते में वापस भेज दी जाएगी। ब्रिजेश ने ठगों के बताए छह बैंक खातों में 28 से चार जनवरी के बीच 22.84 लाख रुपये जमा कर दिया।

    ठगाें से धनराशि वापस मांगने को बोला तो उन्होंने संपर्क बंद कर लिया। इससे पीड़ित को ठगी होने का पता चला। डीसीपी साइबर सेल प्रीति यादव ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। ठगी की रकम वाले बैंक खातों की जांच कराई जा रही है।