अब बाढ़ प्रभावित बच्चों का भविष्य होगा उज्ज्वल, किताबें और यूनिफॉर्म के साथ इन स्कूलों में होगा एडमिशन
ग्रेटर नोएडा में बाढ़ प्रभावित राहत शिविरों में रह रहे बच्चों की शिक्षा के लिए जिला प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। सौ से ज़्यादा बच्चों का दाखिला पास के सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा। उन्हें किताबें और यूनिफ़ॉर्म भी दी जाएँगी। महिला लेखाकार शिक्षिका बनकर बच्चों का मनोबल बढ़ा रही हैं। ज़िला मजिस्ट्रेट ने बच्चों से मिलकर उनकी प्रतिभा का आकलन किया। प्रशासन शिक्षा को प्राथमिकता दे रहा है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों में रह रहे बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए जिला प्रशासन ने अहम कदम उठाए हैं। राहत शिविर के राहत स्कूल में पढ़ने वाले सौ से ज़्यादा बच्चों का दाखिला अब पास के सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा के ज़रिए इन बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाना है।
राहत शिविर में बच्चों को पढ़ाने के लिए दो महिला लेखाकार नियुक्त की गईं, जिन्होंने शिक्षिका की भूमिका निभाई और उनका मनोबल बढ़ाया। ज़िला मजिस्ट्रेट मेधा रूपम ने भी शिविर में बच्चों से मुलाकात की और उनकी पढ़ाई का जायज़ा लिया और सवाल-जवाब के ज़रिए उनकी प्रतिभा का आकलन किया।
बच्चों ने ज़िला मजिस्ट्रेट के सवालों का खुलकर जवाब दिया और अपनी काबिलियत का परिचय दिया। उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर ज़िला प्रशासन अब उनकी शिक्षा को और मज़बूत करने के लिए कारगर कदम उठा रहा है।
इन बच्चों का दाखिला पास के सरकारी स्कूलों में कराने के साथ-साथ उन्हें किताबें, स्कूल यूनिफ़ॉर्म और अन्य जरूरी पाठ्य सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा, प्रशासन ने हर 15 दिन में अधिकारियों की एक टीम बच्चों से मिलने और उन्हें पढ़ाने की योजना बनाई है, ताकि बेहतर शिक्षा के उनके सपनों को नई उड़ान मिल सके।
जिला प्रशासन की यह पहल बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देती है। प्रशासन यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है कि बाढ़ जैसी आपदाओं के बावजूद इन बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। इस कदम से न केवल बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर भी मिलेगा।
- आशुतोष गुप्ता, एसडीएम सदर, गौतमबुद्ध नगर।
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