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    नोएडा में अवैध वेंडरों का आतंक, सड़कों पर कब्जा

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:38 PM (IST)

    नोएडा में प्राधिकरण के प्रयासों के बावजूद वर्क सर्किल के अधिकारियों की मिलीभगत से मुख्य सड़कों और फुटपाथों पर अवैध वेंडरों का कब्जा बढ़ रहा है। सेक्टर 41 और 50 के बाजारों के बाहर अवैध वेंडिंग जोन बने हुए हैं जिससे यातायात बाधित हो रहा है। आरोप है कि जेई और सुपरवाइजर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और अवैध वेंडरों को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे जनता परेशान है।

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    खुद की कमाई के लिए मुख्य मार्ग पर अवैध वेंडर बैठाएं, फुटपाथ पर कब्जा कराया। जागरण

    कुंदन तिवारी, नोएडा। प्राधिकरण के आला अधिकारी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे सड़कों और फुटपाथों को जनता के लिए उपयोगी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं बना रहे हैं और उन्हें क्रियान्वित भी कर रहे हैं। वे अवैध विक्रेताओं को हटाकर उन्हें व्यवस्थित रूप से वेंडिंग जोन में स्थानांतरित कर रहे हैं, लेकिन वर्क सर्किल में तैनात जेई और सुपरवाइजर उनके प्रयासों को विफल कर रहे हैं।

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    सेक्टर 41 और 50 के बीच मुख्य सड़क पर दोनों सेक्टरों के बाजार संचालित होते हैं, लेकिन इन बाजारों के बाहर अवैध वेंडर जोन बनाए गए हैं। इससे यात्रियों को रोजाना असुविधा होती है। ये अवैध वेंडिंग जोन यातायात में बाधा डालते हैं। इस समस्या के चलते 13 सितंबर 2018 को तत्कालीन महाप्रबंधक (सिविल) राजीव त्यागी के निर्देशन में वर्क सर्किल और यातायात पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दोनों बाजारों से अवैध वेंडर जोन को हटाया था।

    इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सेक्टर 50 की ग्रीन बेल्ट में वेंडिंग जोन विकसित किया गया था। दोनों स्थानों के विक्रेताओं को स्थानांतरित किया गया था। यह भी निर्णय लिया गया कि जिन क्षेत्रों में स्थायी दुकानें चल रही थीं, वहाँ वेंडिंग ज़ोन समाप्त कर दिए जाएँगे, लेकिन वर्क सर्किल 3 में तैनात उप-अभियंता (जेई) और पर्यवेक्षकों ने सेक्टर 41 मार्केट के बाहर फिर से अवैध रूप से वेंडर्स स्थापित कर दिए।

    वर्क सर्किल यहाँ वेंडर ज़ोन आवंटित करने का दावा करता है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है: कहीं और से एक वेंडिंग ज़ोन यहाँ स्थानांतरित कर दिया गया है। यहाँ के विक्रेताओं का उचित सत्यापन करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आएँगे। सेक्टर 41 मार्केट के वेंडर ज़ोन में प्राधिकरण के मूल आवंटी मिलेंगे, जिनकी दुकानें वर्क सर्किल 3 में तैनात पर्यवेक्षकों और जेई की मिलीभगत से संचालित हो रही हैं।

    प्राधिकरण के सामान्य प्रशासन की संलिप्तता भी उजागर होगी, क्योंकि यहाँ कई विक्रेताओं को बिना लॉटरी निकाले ही आवंटन पत्र जारी कर दिए गए हैं। इसका उपयोग वर्क सर्किल के भीतर अनुचित आय अर्जित करने के लिए किया जाता है। जहाँ केवल 5,200 वैध विक्रेता हैं, वहीं 50,000 से अधिक अवैध विक्रेता, कार्रवाई की कमी से उत्साहित होकर, जेई और पर्यवेक्षकों के समर्थन से शहर में अपना व्यवसाय चला रहे हैं।

    विक्रेताओं को वेंडिंग ज़ोन के बाहर कहीं भी बैठने की अनुमति नहीं है। इसके लिए कार्य मंडल अधिकारी और महाप्रबंधक (सिविल) सीधे तौर पर ज़िम्मेदार हैं और उनकी जवाबदेही तय की गई है।

    -सतीश पाल, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण।

    अवैध विक्रेताओं ने सड़कों पर चलना मुश्किल कर दिया है। किसी भी बाज़ार तक पहुँचना एक चुनौती है। कई जगहों पर वेंडिंग ज़ोन बनने के बावजूद, समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

    -धर्मवीर शर्मा, उद्यमी।

    विक्रेताओं ने कोई भी जगह अछूती नहीं छोड़ी है, मुख्य सड़क से लेकर आंतरिक सड़कों तक, सड़क के हर पहलू पर अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण हर जगह है, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी या तो इसे देखते ही नहीं हैं या देखना ही नहीं चाहते।

    -राजीव बंसल, उद्यमी।

    छोटी-मोटी चीज़ें खरीदने के लिए सेक्टर के बाज़ार में जाना एक परेशानी का सबब है, क्योंकि विक्रेता स्थायी दुकानों के बाहर अवैध रूप से खड़े रहते हैं।

    -अजय मल्होत्रा, उद्यमी।