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    पश्चिमी यूपी के मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत, नोएडा के चाइल्ड PGI में मरीजों के जीन से होगी गंभीर रोगों की पुष्टि

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 08:55 AM (IST)

    नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाल मरीजों के लिए जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा शुरू की गई है। एम्स दिल्ली और लखनऊ के बाद यहां सस्ती दरों पर गंभीर बीमारियों की जांच हो सकेगी। थैलेसीमिया और डाउन सिंड्रोम जैसी बीमारियों की पुष्टि अब 6-8 घंटे में हो सकेगी। ओडिशा जैसे राज्यों से भी सैंपल आ रहे हैं जिससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।

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    चाइल्ड पीजीआई में मरीजों के जीन की सिक्वेंसिंग जांच से बीमारी की पुष्टि होगी।

    सुमित शिशोदिया, नोएडा। चाइल्ड पीजीआई में अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाल मरीजों के जीन से गंभीर बीमारियों की पुष्टि हो सकेगी। प्रबंधन ने एम्स दिल्ली और लखनऊ के संजय गांधी चाइल्ड पीजीआई के बाद एक्सोन जीन सिक्वेंसिंग की यह सुविधा सस्ती दरों में शुरू कर दी है।

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    विशेष बात है कि विशेषज्ञ अब थैलेसीमिया, डाउन सिंड्रोम और रेटिनोपैथी समेत विभिन्न गंभीर बीमारियों की छह से आठ घंटे में पुष्टि कर मरीज का इलाज शुरू कर पाएंगे। प्रबंधन का दावा है कि जांच शुरू होने से दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि अभी तक यह जांच प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शुरू नहीं है।

    पीजीआइ के निदेशक डॉ. अरूण कुमार सिंह ने जेनेटिक विभाग के साथ अन्य विभागाें में बाल मरीजों को एक्सोन जीन सिक्वेंसिंग जांच का लाभ मिलेगा। जेनेटिक विभाग से डा. मयंक निलय के साथ शोध विशेषज्ञ डा. दिनेश साहू को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।

    मशीन में एक साथ आठ सैंपल की जांच की जाती है। जांच करने में छह से आठ घंटे का समय लगता है। डॉ. मयंक ने बताया कि मरीजों में जीन सिक्वेंसिंग बिगड़ने पर विभिन्न बीमारियां बन जाती हैं। कई बार सही जांच नहीं होने से बीमारी का पता नहीं चलता है।

    लेकिन, अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ बाहरी राज्यों के मरीजों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। शोध विशेषज्ञ डा. दिनेश का कहना है कि जीन सिक्वेंसिंग की जांच बाल मरीज के बाद माता-पिता भी बीमारी पता करने के लिए करा सकते हैं।

    1055 रुपये में शुरू हुई जांच

    पिछले दिनों महज 1055 रुपये में शुरू हुई जांच का लाभ उड़ीसा समेत अन्य राज्यों के स्वास्थ्य विभाग ने लेना शुरू कर दिया है। वहां मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेज जा रहे हैं।

    यही नहीं, चाइल्ड पीजीआइ के जेनेटिक विभाग में मरीजों की जांच होने से उनका सही समय पर इलाज शुरू हो गया है। मरीजों को सस्ती दर पर जांच के अलावा बीमारी का इलाज शुरू होने में से राहत मिलेगी जबकि प्राइवेट अस्पताल में यह जांच पांच से 15 हजार रुपये तक होती है।