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    Noida News: भंगेल सीएचसी में एआरवी की सिरिंजखत्म, जिला अस्पताल में फूट रहा मरीजों का गुस्सा

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 09:52 AM (IST)

    नोएडा के भंगेल सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन की सिरिंज खत्म होने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते घायलों को जिला अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं जहां लंबी कतारों में धक्का-मुक्की हो रही है। मरीजों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। अधिकारियों ने जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

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    जिला अस्पताल में मरीजों की लाइन लग रही। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। भंगेल सीएचसी में चार सितंबर से एंटी रेबीज वैक्सीन की सिरिंज खत्म हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग में जिम्मेदार अधिकारी व्यवस्था करने के बजाय आंख मूंदे हैं। लापरवाही का खामियाजा घायलों को भुगतना पड़ रहा है।

    सोमवार को जिला अस्पताल में मरीजों के लंबी कतार में गुस्सा फूट गया। ओपीडी में जल्दी घुसने के चक्कर में मरीजों की एक-दूसरे से ही नोक-झोक होती रही। दाेपहर ढाई बजे तक करीब 365 मरीजों को वैक्सीन लगाई गई।

    भंगेल सीएचसी पर वैक्सीन और सिरिंज स्वास्थ्य विभाग भेजता है। जुलाई के आखिरी सप्ताह में दो हजार सिरिंज भेजकर अधिकारियों ने खानापूर्ति की थी। यहां रोजाना 100 मरीजों को वैक्सीन की डोज दी जाती है।

    तीन सितंबर को सिरिंज खत्म होने पर चिकित्सा अधीक्षक ने आवेदन कर जल्द व्यवस्था मांगी थी। अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। भंगेल और आसपास इलाकों के मरीजों का दबाव जिला अस्पताल में एआरवी सेंटर पर आ गया है।

    चीफ फार्मासिस्ट गिरेंद्र सिंह चौहान व अन्य स्टाफ रोजाना 350 से ज्यादा मरीजों को वैक्सीन लगाते हैं। मरीजों का कहना है कि अस्पताल आने-जाने में 60 से 80 रुपये का खर्चा पड़ता है। कई मरीजों को नौकरी से छुट्टी लेनी पड़ती है। कुछ लोगों ने बीमारी बताकर वेतन से प्रतिदिन का अंश कटवाया है। एक सप्ताह में करीब 1800 मरीजों को वैक्सीन लगाई गई है।

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    क्या बोले लोग?

    - भंगेल सीएचसी से मुझे जिला अस्पताल भेज दिया। वहां बताया कि सिरिंज नहीं है। अब मुझे कार्यालय से छुट्टी लेनी पड़ी है। इसके लिए वेतन भी कटेगा। स्वास्थ्य विभाग की खराब व्यवस्था है। - सुनील कुमार- भंगेल

    मेरे बेटे को कुत्ते ने काटा था। उसे तीसरी डोज लगवानी थी। भंगेल सीएचसी पर स्टाफ ने सिरिंज खत्म होना बताया। मैंने बाजार से सिरिंज भी खरीदी थी। फिर भी जिला अस्पताल भेज दिया। - भूरेलाल- सलारपुर

    मुझे अपने दो बच्चों को टीका लगवाना था। जिला अस्पताल आने में ही 100 रुपये का किराया लग गया। यह परेशानी हर महीने रहती है। -लीलावती- सलारपुर

    भंगेल सीएचसी पर मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। सिरींज की खरीदकर कराकर जल्द ही वहां भेज दी जाएगी। संबंधित प्रभारी से इस पर वार्ता की जाएगी। -  डॉ. नरेंद्र कुमार- मुख्य चिकित्सा अधीक्षक