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    Nikki Murder Case: कहीं बन न जाए आरुषि केस जैसी गुत्थी... थिनर की बोतल और लाइटर से अब तक नहीं उठाए फिंगर प्रिंट्स

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:09 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में निक्की हत्याकांड की जांच में फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाने में देरी होने पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन घटनास्थल से फिंगरप्रिंट जैसे महत्वपूर्ण सबूत नहीं जुटाए गए। अस्पताल के बयान में विरोधाभास है पहले सिलेंडर फटने की बात कही गई फिर निक्की द्वारा सिलेंडर फटने की बात कहने की बात सामने आई जबकि निक्की 80% तक झुलस गई थी।

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    आरोपी पति को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था।

    अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। निक्की हत्याकांड में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है और एनकाउंटर में मुख्य आरोपी के पैर में गोली मारकर पकड़ा भी है, लेकिन फाॅरेंसिक जांच अभी तक नहीं हुई है।

    निक्की के जलने के बाद सबसे पहले सिलिंडर फटने की बात सामने आई थी। अस्पताल के मेमो में भी यही लिखा गया, पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच भी की। जांच में निक्की की मौत थिनर से आग लगाने से हुई।

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    पुलिस ने घर से थिनर की खाली बोतल और लाइटर जब्त किया है। थिनर की बोतल, लाइटर आसपास पड़े सामान आदि के फिंगर प्रिंट के साक्ष्य जुटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। फिंगर प्रिंट निक्की प्रकरण को सुलझाने में अहम साबित हो सकते हैं।

    हालांकि पुलिस का कहना है कि जब निक्की ही जीवित नहीं रही तो फिंगर प्रिंट का मिलान कैसे करेंगे। फिंगर प्रिंट निक्की के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक से भी मिलान किए जा सकते थे। साथ ही आरोपितों के फिंगर प्रिंट का भी मिलान वहां पड़े सामान से किया जा सकता था।

    नोएडा में आरुषि हत्याकांड की गुत्थी आज तक पूरी तरह से सुलझ नहीं सकी है। इसका सबसे बड़ा कारण फारेंसिक साक्ष्यों को पुलिस समय रहते नहीं जुटा सकी थी। फारेंसिक साक्ष्य न होने के कारण आरुषि की हत्या किसने की आज तक यह सवाल खड़ा हुआ है।

    डाॅक्टर बोला, निक्की ने की थी सिलिंडर फटने से आग की बात

    पुलिस की पूछताछ में फोर्टिस अस्पताल के डाॅक्टर ने बताया कि निक्की ने उनसे खुद कहा कि गैस सिलिंडर फटने से आग लगी है।

    सवाल अब यह खड़ा होता है कि जिस अस्पताल प्रबंधन ने मेमो यह लिखा कि निक्की के ससुराल के लोगों ने बताया कि गैस सिलिंडर फटने से वह जली है।

    निक्की तब बोलनी की स्थिति में नहीं थी तो अब वही अस्पताल प्रबंधन किसी आधार पर कह रहा है कि निक्की ने खुद बताया कि वह गैस सिलिंडर के फटने जली है।

    जांच में सामने आया है कि निक्की 80 प्रतिशत झुलस गई थी। आग लगने की घटना के करीब 20 से 25 मिनट बाद निक्की अस्पताल पहुंची थी। ऐसे में 80 प्रतिशत जला व्यक्ति कैसे बातचीत कर सकता है।

    हालांकि पुलिस ने जब जांच की तो सामने आया कि थिनर से निक्की जली थी। अस्पताल ले जाते समय ऐसा क्या हुई कि सिलेंडर से जलने की कहानी गढ़ी गई।

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