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    यमुना की बाढ़ से बर्बाद हुई जेवर में दस गांव के 475 किसानों की फसलें, जल्द मिलेगा अनुदान

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 10:19 AM (IST)

    यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण जेवर के दस गाँवों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। प्रशासन ने नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे लेखपालों को आदेश दिया। लेखपालों ने 475 किसानों की 180 हेक्टेयर भूमि का सर्वे किया और रिपोर्ट राहत पोर्टल पर दर्ज की। उपजिलाधिकारी ने जल्द सर्वे पूरा करने और किसानों को राहत राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

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    अगस्त माह में यमुना में आई बाढ़ में डूबी किसानों की फसलें। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, जेवर।  यमुना में जलस्तर बढ़ने से जेवर के दस गांव के किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूबने की वजह से बर्बाद हो गई थी। किसानों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से फसलों में हुए नुकासन की भरपाई की मांग की थी।

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    प्रशासन ने किसानों की मांगो पर तहसील और सर्वे लेखपालों से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट राहत पोर्टल पर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। लेखपालों ने सर्वे करते हुए 475 किसानों की रिपोर्ट राहत पोर्टल पर दर्ज कर दी है।

    हथिनी कुंड बैराज से यमुना में छोड़े गए पानी की वजह से जेवर के झुप्पा,कानीगढ़ी, शमशमनगर, करौली खादर, सिरौली बांगर, महेंदीपुर खादर, तकीपुर खादर व रन्हेरा में अति वर्षा के चलते किसानों की फसलें पानी में डूबने से बर्बाद हो गई थी।

    प्रशासन के आदेशों के बाद लेखपालों ने जेवर तहसील के दस गांव के 475 किसानों की 180 हेक्टेयर जमीन में लगी फसलों को 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान की पुष्टि की है। लेखपालों द्वारा राहत पोर्टल पर दर्ज की गई रिपोर्ट की जांच उच्चाधिकारी कर रहे है जिसके बाद रिपोर्ट फाइनल की जाएंगी।

    उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह ने सभी लेखपालों से एक सप्ताह के अंदर हर हाल में किसानों की फसलों में हुए नुकसान का सर्वे पूरा करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द किसानों को राहत अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खातों में सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी।

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