Nikki Bhati Murder: वायरल हो रहे वीडियो से उलझी हत्याकांड की गुत्थी, अब सैटेलाइट तस्वीरों से पुलिस खोलेगी राज?
निक्की हत्याकांड में नया मोड़ आया है। आरोपियों के घटना स्थल पर होने के दावों के बाद पुलिस सैटेलाइट तस्वीरों की मदद लेगी। पुलिस गूगल और इसरो से संपर्क करेगी ताकि विपिन और उसके परिवार की घटना के दौरान की लोकेशन का पता चल सके। सीसीटीवी से मामला उलझ गया है क्योंकि आरोपियों के परिवार ने उनकी गैर-मौजूदगी का दावा किया है। पुलिस अब सैटेलाइट डेटा से सटीक जानकारी जुटाएगी।

अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। निक्की हत्याकांड में घटना के दौरान हत्यारोपियों के मौके पर न होने के दावों और उनसे संबंधित वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले में पेचीदगी आ गई हैं।
ऐसे में पुलिस अब गुत्थी को सुलझाने के लिए सैटेलाइट तस्वीरों की मदद लेगी। सूत्र के मुताबिक पुलिस अब सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये ये पता लगाएगी कि घटना के दौरान विपिन और उसके स्वजन कहां मौजूद थे।
शासन को पत्र लिख गूगल और इसरो से संपर्क किया जाएगा। जिस स्थान पर हत्यारोपियों के होने का दावा किया जा रहा है, वहां का लांगिट्यूड व लैटीट्यूड लिया गया है।
21 अगस्त की शाम 5:41 बजे सिरसा गांव में निक्की भाटी आग लगने के कारण 80 प्रतिशत झुलस गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
घटना के करीब पांच दिन बाद हत्यारोपियों के स्वजन व निवासियों ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज वायरल कर दावा किया कि निक्की को जब आग लगी उस दौरान विपिन, निक्की के ससुर, सास और जेठ कोई भी घर पर मौजूद नहीं था।
एक सीसीटीवी फुटेज में दावा किया गया कि विपिन एक दुकान के पास खड़ा है और उसके साथ उसका बेटा और भतीजा भतीजी साथ में हैं।
दूसरे सीसीटीवी फुटेज को प्रसारित किया गया जिसमें दिख रहे एक शख्स को विपिन बताया गया, जो घर से सटे रेस्टोरेंट में जाते हुए दिख रहा है और वहां वह टिशू पेपर लेकर अपना चेहरा और कपड़े साफ कर रहा है।
कुछ देर बाद वह शख्स रेस्टोरेंट से सटे घर की ओर भागते हुए दिख रहा है। इन वीडियो के वायरल होने के बाद निक्की के स्वजन ने वीडियो को झूठा बताते हुए आरोप लगाया कि घर पर विपिन, ससुर, सास और जेठ सभी मौजूद थे।
सीसीटीवी फुटेज जारी होने के बाद पुलिस की जांच पर भी सवाल उठने लगे। पुलिस ने इन वीडियो की जांच भी शुरू की। अब पुलिस सेटेलाइट की मदद लेगी, जिससे विपिन, उसकी मां, पिता व भाई की सटीक लोकेशन पता लगाई जा सके।
जानकारी के मुताबिक पुलिस आग लगने की घटना से पहले और बाद की करीब 30 मिनट की तस्वीरें निकलवाई जाएंगी। गूगल और इसरो से सेटेलाइट तस्वीर लेने के लिए पुलिस, शासन को पत्र लिखेगी।
सेटेलाइट आधारित भू-स्थितीय (जियो पोजिशनल ) डाटा से स्थान, गति और समय की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
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