Yamuna Flood: ग्रेटर नोएडा में यमुना और हरनंदी के जलस्तर में गिरावट, लेकिन अभी नहीं टला बाढ़ का खतरा
ग्रेटर नोएडा में यमुना और हरनंदी नदियों का जलस्तर घटने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है पर खतरा अभी टला नहीं है। हथनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण किनारे के गांवों में बाढ़ का डर बना हुआ है। लगभग 19 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं जहां 3433 लोग शरणालयों में हैं। प्रशासन राहत सामग्री बांट रहा है और सुरक्षा के लिए टीमें तैनात हैं।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिले में यमुना और हरनंदी के जलस्तर में शनिवार को कमी दर्ज की गई, लेकिन अभी तक खतरा टला नहीं हैं। हथनी कुंड से भी अभी पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। शनिवार को भी करीब 36 हजार क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। इससे यमुना नदी के किनारे बसे गांवों व फार्म हाउस में मंडराता हुआ बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है।
शनिवार शाम पांच बजे जारी जिला प्रशासन की बाढ़ बुलेटिन के मुताबिक, यमुना नदी का जलस्तर 200.00 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु 202.17 मीटर से 0.60 मीटर नीचे है।
वहीं, हरनंदी का जलस्तर गाजियाबाद में 199.95 मीटर दर्ज हुआ, जो खतरे के बिंदु 205.08 मीटर से 5.58 मीटर नीचे है। जलस्तर में कमी होना जिला प्रशासन के लिए राहत की बात हैं कि लेकिन बांध पर व जिला प्रशासन के शरणालय में रहने वाले बाढ़ प्रभावितों की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। यमुना नदी अभी भी ऊफान पर हैं।
जिले के 19 गांव हैं बाढ़ से अधिक प्रभावित
एडीएम वित्त राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि बाढ़ से जिले के कुल 19 गांव अधिक प्रभावित हैं। जिनमें 12 सदर तहसील के गांव, छह दादरी तहसील और एक जेवर तहसील के गांव शामिल हैं। इन गांवों की लगभग 3900 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है, जिनमें 3433 लोग 15 शरणालयों में ठहरे हैं।
शरणालयों में पेयजल, भोजन, साफ-सफाई और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। कम्युनिटी किचन के जरिए नाश्ता, लंच पैकेट और रात्रि भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रभावितों से अपील है कि सुरक्षा की दृष्टि से अभी पानी में उतरने या आसपास जाने से बचें।
राहत किट का लगातार किया जा रहा है वितरण
बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन लगातार राहत किट का भी वितरण कर रहा है। शनिवार को सदर तहसील क्षेत्र में470 और दादरी में 142 राहत किट वितरित की गई हैं।
जिले में 19 बाढ़ चौकियां और 15 शरणालय संचालित हैं, जहां राजस्व विभाग और अन्य विभागों के कर्मचारी तीन शिफ्टों में तैनात हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी ने 6 रैपिड रिस्पांस टीमें गठित की हैं और एंटी-स्नैक वेनम सहित आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की गई है।
अस्थाई गौशाला
बाढ़ प्रभावित पशुओं के लिए सेक्टर 135 में एक पशु शिविर स्थापित किया गया है, जहां 1471 गौवंश को सुरक्षित पहुंचाया गया है और उनका उपचार जारी है। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और आपदा मित्र की टीमें 13 बोटों के साथ तैनात हैं।
सिंचाई विभाग की टीम 24 घंटे अलर्ट
जिले में यमुना और हरनंदी के बांध की सुरक्षा के लिए लगातार गश्त की जा रही है। बाढ़ चौकियों के अलावा सिंचाई विभाग की टीम दिन रात निगरानी कर रही हैं सिंचाई विभाग के एई हरिओम ने बताया कि झुप्पा गांव के समीप रेत भरे करीब 15 हजार बाेरी के कट्टे भी रखे गए हैं, जहां भी बांध कमजोर लग रहा है वहां उसकी मरम्मत भी कराई जा रही है।
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