यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में इमारतों का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट, बदलेंगे बिल्डिंग के बायलॉज
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा के मद्देनजर यीडा क्षेत्र में इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। भविष्य में बनने वाली इमारतों को ऑडिट के बाद ही पूर्णता प्रमाण पत्र मिलेगा। इसके लिए आईआईटी जैसी संस्थानों के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक पैनल बनाया जाएगा। बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन किया जाएगा जिससे इमारतों की ऊंचाई निर्धारित की जा सके और विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के मद्देनजर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। भविष्य में निर्माण होने वाली इमारतों को स्ट्रक्चर ऑडिट के बाद ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होगा।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इमारतों के निर्माण के लिए बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव उद्योग एवं यीडा चेयरमैन आलोक कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को हुई 86 वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विमान सेवा का संचालन शुरू करने की तैयारी चल रही हैं। अहमदाबाद में विमान हादसे के बाद एयरपोर्ट के आस पास इमारतों की सुरक्षा बड़ी चुनौती बन चुकी है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आस पास के क्षेत्र में इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्णय किया गया है। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण की स्ट्रक्चरल ऑडिट पालिसी को यीडा से स्वीकार कर लिया है।
इस पालिसी के तहत स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए पैनल बनाया गया जाएगा। इसमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की, एनआइअी, केंद्रीय विश्वविद्यालय, सीएसआइआर जैसे संस्थाओं के प्रतिनिधियों को पैनल में शामिल किया जाएगा। पूर्व में यीडा क्षेत्र में बनी इमारतें भी स्ट्रक्चरल ऑडिट के दायरे में होंगी। नई निर्माण होने वाली इमारतों को स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
कलर कोडिंग जोन के इमारतों की ऊंचाई तय करने को बदलेंगे बायलॉज
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आस पास विमानों की सुरक्षा के लिए बीस किमी के दायरे में कलर कोडिंग जोन तैयार किया है। प्रत्येक कलर जोन में बनने वाली इमारतों की ऊंचाई, ग्राउंड कवरेज आदि निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए सलाहकार एजेंसी नियुक्त होगी।
एजेंसी से मिले सुझावों पर विचार के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यीडा प्राधिकरण की संयुक्त समिति विचार करेगी और बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बोर्ड से स्वीकृति के बाद इस पर शासन से स्वीकृति ली जाएगी। बिल्डिंग बायलॉज में तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में लागू होगा।
अभी यीडा क्षेत्र में अधिकतम 24 मीटर ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति है। इससे अधिक ऊंचाई के लिए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से अनुमति ली जाती है। बायलॉज में बदलाव के बाद तयशुदा ऊंचाई तक ही निर्माण की अनुमति मानचित्र स्वीकृति के दौरान दी जाएगी। इससे विमानों और इमारतों में रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
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