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    892 करोड़ से बन रहे चिल्ला एलिवेटेड रोड निर्माण में धांधली, नोएडा प्राधिकरण CEO ने भुगतान पर लगाई रोक

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:29 AM (IST)

    नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को भुगतान रोकने का आदेश दिया। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं और मानकों का उल्लंघन पाया गया है। निरीक्षण के दौरान सरिया में जंग और अन्य कमियां मिलीं। अधिकारियों को सुधार के लिए नोटिस दिया गया था।

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    चिल्ला एलिवेटेड रोड बनाने के लिए बनाया जा रहा है पिलर। जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। दिल्ली नोएडा को आपस में जोड़ने वाले 892 करोड़ की लागत से चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है, यह निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की ओर से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता को लेकर नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने सवाल खड़ा कर दिया है।

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    आरोप है कि सेतु निगम की ओर से निर्माण में मानकों के अनुरूप सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, न ही इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री की मिक्स डिजाइन ही आइआइटी या श्रीराम जैसी प्रयोगशाला से टेस्ट कराया गया है।

    'निर्माण की गुणवत्ता पर समझौता नहीं करेगा प्राधिकरण'

    उन्होंने सेतु निगम महाप्रबंधक संदीप गुप्ता को स्पष्ट कहा है कि प्राधिकरण किसी भी प्रकार के निर्माण की गुणवत्ता पर समझौता नहीं करेगा। इस पर कई बार सेतु निगम अधिकारियों को सुधार करने का नोटिस भी दिया गया है, लेकिन कार्य प्रणाली में सुधार नहीं हो रहा है।

    उन्होंने नाराजगी व्यक्त कर सेतु निगम को निर्माण का भुगतान रोकने का आदेश दे दिया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव को लिखित पत्र के जरिये सेतु निगम अधिकारियों की करगुजारियों से अवगत कराए। हालांकि सेतु निगम महाप्रबंधक संदीप गुप्ता ने प्राधिकरण से सौ करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था।

    बता दें कि पिछले दिनों प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने सिविल विभाग अधिकारियों के साथ चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण साइट का निरीक्षण किया। इस दौरान जानकारी मिली कि मिक्स डिजाइन को सेतु निगम ने एनबीसीएल से पास कराया है।

    इस पर सीईओ ने कड़ा एतराज जताया। निर्माण सामग्री में रणतुंगा नामक कंपनी सरिया का इस्तेमाल पाया गया। जबकि सेल व जिंदल की सरिया का ही इस्तेमाल होना चाहिए था। जिस प्रकार से सरिया को साइट पर रखा गया था। उन जगहों पर सरिया जंग खा रही थी। पाइलिंग में जंग लगी सरिया का इस्तेमाल देखा गया।

    इससे पुल गिरने की संभावना जता नाराजगी प्रकट कर तत्काल प्रभाव से काम बंद करने को कहा, लेकिन काम बंद नहीं किया गया, उल्टा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इसमें बदलाव कर दिया जाएगा।

    लेकिन दो दिन पहले ही एनएचएआइ की टीम के साथ सीईओ डा लोकेश एम ने चिल्ला एलिवेटेड रोड निर्माण साइट का निरीक्षण किया, क्योंकि आने वाले दिनों में यमुना पुस्ता के पास से जेवर में बनने वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तक आने जाने के लिए एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का निर्माण कराना है।

    इस निर्माण को महामाया फ्लाईओवर के पास चिल्ला एलिवेटेड रोड से लिंक कराया जाएगा, लेकिन उन्हें फिर से चिल्ला एलिवेेटेड रोड निर्माण में घटिया सामग्री को प्रयोग होते मिला, खामियों को देखकर वह भड़क गए।

    पाइलिंग के ज्वाइंट की फोटो व वीडियो ग्राफी कराई गई थी, कंसलटेंट कंपनी ने मौके पर समीक्षा में पाया गया कि एलिवेटेड की पाइलिंग में जिस स्टील का प्रयोग कंपनी कर रही है। उस स्टील की गुणवत्ता खराब है। जबकि पाइलिंग के लिए प्राधिकरण ने किसी दूसरी स्टील के प्रयोग की बात की थी।

    इसे दूर करने का आश्वासन सेतु निगम अधिकारियों ने दिया था। इस पर सीईओ ने सेतु निगम के महाप्रबंधक संदीप गुप्ता को स्पष्ट कहा कि यदि उन्होंने यदि अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव नहीं कराया तो नोएडा प्राधिकरण से भुगतान नहीं किया जाएगा।