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    561 लोकेशन पर लगेंगे 2100 कैमरे, अलग कंट्रोल रूम होगा; 212 करोड़ खर्च करेगा नोएडा प्राधिकरण

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 08:32 AM (IST)

    नोएडा में सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत 2100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिसके लिए 212 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन कैमरों की मदद से अपराधियों को पकड़ना आसान होगा क्योंकि इनका सीधा कनेक्शन पुलिस कंट्रोल रूम से होगा। ये कैमरे भीड़भाड़ वाले इलाकों और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगे।

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    सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय। फोटो- जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नोएडा। सेफ सिटी परियोजना से संबंधित कागजी दस्तावेजों का काम पूरा किया जा चुका है। कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए अगल सप्ताह रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया जाएगा। चयनित कंपनी को निर्धारित समय में काम पूरा करना होगा। सेफ सिटी के तहत नोएडा में 2100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

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    शहर में सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 लोकेशन पर अतिरिक्त 2100 सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। यह कैमरे नाइट विजन व फेस डिटेक्शन कैमरे होंगे, जो इंट्रीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसटीएमएस) के कैमरों से बिलकुल अलग होंगे।

    मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम

    मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। इनका वाहनों के चालान से कोई संबंध नहीं होगा, लेकिन सुरक्षा के तहत वाहनों की नंबर प्लेट व उसमें बैठे लोग भी साफ तौर पर कैमरे की नजर से देखा जा सकेगा। सेफ सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 212 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

    यह पैसा नोएडा प्राधिकरण खर्च करेगा। एक सप्ताह में आरएफपी प्रक्रिया की जाएगी। चुनी जाने वाली कंपनी का काम सीसीटीवी कैमरों को इंस्टाल करना, आप्टिकल फाइबर लाइन डालना, पोल और उसकी मॉनिटरिंग का प्रशिक्षण देना होगा।

    इस को 6 से 9 माह में पूरा किया जाएगा। संभवतः यह योजना 2025 तक पूरी होगी। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन स्थानों की सूची पुलिस विभाग ने दी। उसमें बाजार, सरकारी निजी स्कूल, ब्लैक स्पाट और भीड़ भाड़ वाले इलाके मेट्रो स्टेशन , बस स्टैंड , माल्स के बाहर स्थान शामिल है।

    सेफ सिटी परियोजना के तहत गौतमबुद्ध नगर को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला नोएडा और दूसरा ग्रेटर नोएडा। यानी सीसीटीवी कैमरों का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों प्राधिकरण (नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण) बनाएंगे। और इसका संचालन पुलिस विभाग की ओर से किया जाएगा।

    बदमाशों को पकड़ना होगा आसान

    बदमाशों का डाटा पुलिस के पास पहले से है। ऐसे में कोई भी बदमाश यदि इन कैमरों के पास गुजरता है तो उसकी लाइव लोकेशन और पूरा डाटा कंट्रोल रूम में दिखाई देगा।

    सेफ सिटी के कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। कोई भी सूचना मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी, पीआरवी, डायल-112 को जानकारी दी जा सकेगी।

    विभिन्न कलर में करेगा ब्लिंक

    परियोजना के तहत पुलिस कंट्रोल रूम की तर्ज पर थाने चौकी में भी मॉनिटरिंग स्क्रीन लगाई जाएगी। इन स्क्रीन को कंट्रोल रूम से एक्सेस भी दिया जाएगा, जो वहां पर दो ही घटनाओं पर अलग-अलग कलर में ब्लिंक करेगा।

    पहली घटना जहां महिला अकेली खड़ी है और दूसरा जहां भीड़ भाड़ के कारण घटना होने की संभावना है। परियोजना के तहत शहर में सेव अवर सोल (एसओएस) भी लगाए गए है, जिसमे आपातकाल के समय आप तुरंत पुलिस को किसी भी घटना की जानकारी दे सकते है।