जल संरक्षण को बढ़ावा देगा नोएडा प्राधिकरण, पानी की बचत वाले आवंटी को बिल में मिलेगी छूट
नोएडा प्राधिकरण जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू कर रहा है। इसके तहत अब पानी के मीटर के अनुसार बिल भुगतान होगा जिससे पानी की बचत करने वालों को छूट मिलेगी। प्राधिकरण दिल्ली के टैरिफ प्लान का अध्ययन कर रहा है और जल्द ही एक लाख वाटर मीटर लगाए जाएंगे। ऑनलाइन बिलिंग के लिए एक एप भी शुरू किया जाएगा।

कुंदन तिवारी, नोएडा। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण करीब एक लाख आवंटियों से भूखंड एरिया के हिसाब से नहीं, बल्कि वाटर मीटर रीडिंग के हिसाब से बिल भुगतान कराएगा। ऐसे में जितना पानी का प्रयोग आवंटी की ओर से किया जाएगा।
सिर्फ उसी का बिल भुगातन प्राधिकरण में करना होगा। जो आवंटी पानी की बचत करेंगे, उनको बिल में छूट देगा। इस योजना से शहर में पानी की बचत के प्रति लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा। इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए एक लाख आवंटियों के यहां वाटर मीटर भी लगाया जाएगा।
जल बिल भुगतान के लिए प्राधिकरण दिल्ली की तर्ज पर का टैरिफ प्लान भी लागू करेगा। इसके लिए दिल्ली समेत तमाम शहरों के जल आपूर्ति, बिल भुगतान का अध्ययन जल एवं वित्त विभाग अधिकारियों ने किया है।
दिल्ली की तर्ज पर टैरिफ प्लान लागू करने का प्लान
प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने दिल्ली की तर्ज पर टैरिफ प्लान लागू करने की योजना को अमल में लाने की सैद्धांतिक मजूरी दी है। संभवता इसे आगामी बोर्ड में प्रस्ताव के रूप में शामिल किया जा सकता है।
बता दें कि प्राधिकरण में करीब छह वर्ष से अधिक से वाटर मीटर रीडिंग के हिसाब से जल का बिल भुगतान की कवायद चल रही है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 5000 आवंटियों के यहां पर वाटर मीटर लगाया जा चुका है।
2000 वाटर मीटर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में लगाए गए है, जबकि तीन हजार वाटर मीटर आवासीय सेक्टरों, संस्थागत भूखंडों पर लगाए गए है। अब एक लाख वाटर मीटर और लगाने की तैयारी शुरू हो गए है, इसमें आवंटियों से बिल भुगतान कराया जा सके।
इस प्रकार हो रहा आकलन
प्राधिकरण यह मानकर चल रहा है कि सेक्टर में एक परिवार में चार से पांच लोगों रहते है, जो रोजाना करीब 200 लीटर पानी प्रयोग करते है। इसी तरह सोसायटी के एक फ्लैट में कितना पानी इस्तेमाल हो रहा है।
इसकी गणना यूजीआर से रोजाना सप्लाई किए जाने वाले जल से होती है। इसी आधार पर एक मानक तय हो जाएगा कि इस सोसायटी व सेक्टर में कितना पानी रोजाना इस्तेमाल हो रहा है। इन सभी के आधार पर ही प्रति यूनिट दर तय की जाएगी।
यह भी मिलेगी सुविधा
- ऑनलाइन बिल जमा करने के लिए जल एप (जल बिलिंग) आएगा।
- एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा।
- जल एप में रीडिंग देखी जा सकेगी, बिल जनरेट होते एसएमएस आएगा।
- भुगतान के लिए एप को यूपीआइ से जोड़ा जाएगा।
- मासिक बिल भुगतान करते ही रसीद आन लाइन जनरेट होगी।
20 श्रेणियों में संपत्तियों को बांटा गया
वर्ग संख्या
- औद्योगिक : 9925
- संस्थागत : 1500
- आवासीय : 23874
- ग्रुप हाउसिंग : 12254
- भवन : 37888
- वाणिज्यिक : 4756
- ग्रामीण : 3480
(नोट: औद्योगिक में 30 वर्ग मीटर से लेकर 25 हजार या इससे बड़े भूखंड की श्रेणी है। इस तरह कुल 20 से ज्यादा श्रेणियां बनाई गई है। इनका अलग-अलग कनेक्शन चार्ज और मासिक बिल फिक्स है।)
वर्तमान में लिया जाने वाला जल बिल
भवन श्रेणी-कनेक्शन चार्ज (प्रति वर्ग मीटर)-मासिक बिल की दर (प्रति वर्ग मीटर)
- ईडब्ल्यूएस-1500-25
- एलआइजी-2000-30
- एमआइजी-3900-100
- एचआइजी-4600-120
- डुप्लेक्स-5300-150
आवासीय भूखंड एरिया-कनेक्शन चार्ज (प्रति वर्ग मीटर)-मासिक बिल की दर (प्रति वर्ग मीटर)
- 30 मीटर-2000-40
- 31 से 50 मीटर-2300-50
- 51 से 100 मीटर-3500-120
- 101से 200 मीटर-3500-150
औद्योगिक भूखंड एरिया-कनेक्शन चार्ज (प्रति वर्ग मीटर)-मासिक बिल की दर (प्रति वर्ग मीटर)
- 30 मीटर-2500-100
- 31 से 50 मीटर-2900-100
- 51 से 100 मीटर-4400-150
- 101 से 200 मीटर-4400-190
- 200 से 301 मीटर-4400-250
(नोट : इसी तरह औद्योगिक समेत वाणिज्यिक, संस्थागत की श्रेणी के भूखंड से कनेक्शन जार्ज व मासिक शुल्क लिया जाता है।)
दिल्ली का टैरिफ हो सकता लागू
- मासिक खपत-सर्विस चार्ज-दर प्रति किलोलीटर
- 0-10 किलोलीटर-55 रुपये- 2.20 रुपये
- 10-20 किलोलीटर-110 रुपये-3.30 रुपये .
- 20-30 किलोलीटर-165 रुपये-16.50 रुपये
- 30 किलोलीटर से ज्यादा-220 रुपये-27.50 रुपये
नोएडा में जलापूर्ति की स्थिति
- प्रतिदिन मांग : 406 एमएलडी
- वर्तमान उपलब्धता : 450 एमएलडी
- वर्तमान गंगाजल : 200 एमएलडी
- भूगर्भ जल : 210 एमएलडी (400 नलकूप)
- रेनीवेल : 40 एमएलडी
- शोधित जल की उपयोगिता : 45-50 एमएलडी
शहर में रेनीवेल की स्थिति
- कुल रेनीवेल-11
- क्रियाशील-09
- अक्रियाशील-02
वाणिज्यिक,औद्योगिक, आवासीय, संस्थागत, भवन, ग्रुप हाउसिंग श्रेणी संपत्ति है, उन से भूखंड एरिया के हिसाब से फिक्स चार्ज लिया जाता है। फिक्स चार्ज के बाद प्रति यूनिट के हिसाब से पानी का बिल जमा करना होगा। प्रति माह पानी फ्री देने का प्रविधान भी शामिल किया जा रहा है। ऊपर उपयोग करने आवंटी को बिल देना होगा। यदि आवंटी पानी बचत करता है तो बिल में छुट का प्रविधान भी लागू होगा।
-कृष्णा करुणेश, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण
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