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    नोएडा में बढ़ रहा शॉर्ट टर्म होम स्टे का चलन, निवासियों की सुरक्षा के लिए ये कितना खतरनाक?

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:30 AM (IST)

    नोएडा में शॉर्ट टाइम होम स्टे का चलन बढ़ रहा है जहां ऑनलाइन बुकिंग से आवासीय सोसायटियों में फ्लैट किराए पर दिए जा रहे हैं। यह होटलों से सस्ता होने के कारण लोकप्रिय है लेकिन निवासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। अवैध गतिविधियों की आशंका बढ़ रही है क्योंकि एओए और प्राधिकरण इस पर नियंत्रण करने में नाकाम हैं।

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    नोएडा में शॉर्ट टाइम होम स्टे का चलन बढ़ रहा। फाइल फोटो

    प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। शॉर्ट टाइम होम स्टे का मतलब ऑनलाइन होम बुकिंग की सुविधा है। यहां के पैकेज होटलों से सस्ते हैं। सुविधा और सुरक्षा भी नंबर वन है, लेकिन इससे आवासीय सोसायटियों या सेक्टरों में रहने वाले हजारों परिवारों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।

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    नोएडा-ग्रेटर नोएडा में शॉर्ट टाइम होम स्टे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में सुपरनोवा के आवासीय स्टूडियो अपार्टमेंट में अपनी महिला मित्र के साथ आए एक आईआरएस अधिकारी के बेटे ने कूदकर आत्महत्या कर ली। जिले की 80 से ज्यादा सोसायटियों और सेक्टरों में ऑनलाइन माध्यम से शॉर्ट टाइम होम स्टे की बुकिंग हो रही है।

    बता दें कि जिले की आवासीय सोसायटियों और सेक्टरों में ऑनलाइन माध्यम से कुछ दिनों के लिए बुकिंग पर फ्लैट दिए जा रहे हैं। इससे स्थानीय निवासियों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। अवैध गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। शनिवार और रविवार को हर सोसायटी में 20 से 30 नए वाहन आते हैं। उन्हें एंट्री भी मिलती है।

    एओए और प्राधिकरण की ओर से इस पर जिम्मेदारी तय नहीं की जा रही है। बिल्डर प्रबंधन भी इन गतिविधियों को रोकने में सक्षम नहीं दिख रहा है। आवासीय सोसायटियों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक नहीं लग रही है।

    शॉर्ट टाइम होम स्टे में किरायेदारों से ज़्यादा मुनाफा

    आमतौर पर स्टूडियो अपार्टमेंट या दो कमरों वाले मकान का किराया 15 से 36 हज़ार रुपये के बीच होता है, लेकिन शॉर्ट टाइम होम में पाँच रातों का पैकेज सात से 50 हज़ार रुपये तक का होता है। होम स्टे की सुविधा देकर मकान मालिक किरायेदार रखने की तुलना में तीन से चार गुना ज़्यादा मासिक आय कमाते हैं।

    ऐप के ज़रिए मिलती है मंज़ूरी, सुरक्षा पर असर नहीं

    बाहर से आने वाले लोगों को ऐप के ज़रिए सोसाइटी में प्रवेश मिलता है। मकान मालिक को ओटीपी मैसेज भेजा जाता है। वह उसे मंज़ूरी देता है। आगंतुक ठहरने के लिए फ्लैट पर पहुँचता है। फ्लैट में एक अटेंडेंट होता है। वह सुविधाओं के बारे में बताता है और चला जाता है। ज़िले में एक हज़ार से ज़्यादा फ्लैटों में शॉर्ट टाइम होम स्टे का संचालन हो रहा है।

    प्रबंधन नहीं निभा रहा जिम्मेदारी

    सोसाइटी में संचालित फ्लैटों की गतिविधियों की ज़िम्मेदारी प्रबंधन की होती है। यह ज़िम्मेदारी एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) या बिल्डर प्रबंधन को पूरी करनी होती है। दोनों में से कोई भी अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।

    एक सोसाइटी को नोटिस जारी किया गया

    प्राधिकरण ने सेक्टर-168 स्थित द गोल्डन पाम सोसाइटी में चल रहे अल्पकालिक होमस्टे को बंद करने के लिए संबंधित एओए को नोटिस जारी किया था। एक स्थानीय निवासी ने शिकायत की थी।

    जहां एओए हैं, वहाँ लोगों की संख्या काफी कम हो गई है। जहाँ बिल्डर हैं, वहाँ ज़्यादा हैं। अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। निवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता है।

    - राजीव सिंह, अध्यक्ष, नोफा।

    इस संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं। यदि यह प्रवृत्ति बढ़ रही है, तो संबंधित एओए और प्रबंधन के सहयोग से जो भी बेहतर होगा, किया जाएगा।

    - वंदना त्रिपाठी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण।