सुपरटेक रियाल्टर्स को 'सुपरनोवा' में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोका, एनसीआर में होगी सबसे ऊंची इमारत
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक रियाल्टर्स को नोएडा की सुपरनोवा परियोजना में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोक दिया है। सुपरनोवा 300 मीटर की ऊंचाई के साथ दिल्ली-एनसीआर की सबसे ऊंची इमारत होगी। कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी मामले में शामिल किया और अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की। सुपरटेक रियाल्टर्स दिवालियापन की कार्यवाही का सामना कर रही है।

पीटीआई, नोएडा। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक रियाल्टर्स और उसके निलंबित निदेशक को नोएडा की महत्वाकांक्षी "सुपरनोवा" परियोजना में किसी भी तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोक दिया है। "सुपरनोवा" दिल्ली-एनसीआर में 300 मीटर की ऊंचाई के साथ 80 मंजिला माने जाने वाली सबसे ऊंची इमारत होगी।
शीर्ष अदालत ने अन्य अंतरिम याचिकाओं को अनुमति दी और मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की। संकटग्रस्त रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुपरटेक रियाल्टर्स दिवालियापन की कार्यवाही का सामना कर रही है।
यह नोएडा के सेक्टर 94 में आवासीय, वाणिज्यिक, कार्यालय स्थान, स्टूडियो अपार्टमेंट, सेवा अपार्टमेंट और शॉपिंग सेंटर सहित मिश्रित उपयोग वाली रियल एस्टेट परियोजना "सुपरनोवा" का निर्माण कर रही है। जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुइयां और एन.कोटिश्वर सिंह की पीठ ने बुधवार को नोएडा प्राधिकरण को भी इस मामले में एक पक्ष के रूप में शामिल किया।
पीठ ने निर्देश दिया, "अपीलकर्ता (निलंबित निदेशक राम किशोर अरोड़ा) और उनके सहयोगियों को विषय संपत्ति में अधिकारों का हस्तांतरण और/या तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोका जाता है।"
जब वकील राजीव जैन ने यह इंगित किया कि सुपरटेक रियाल्टर्स ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण द्वारा नियुक्त अंतरिम समाधान पेशेवर (आइआरपी) के साथ सहयोग नहीं किया है, तो पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता को आइआरपी के साथ सहयोग करने और आवश्यकतानुसार पूर्ण सहायता/रिकार्ड प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है।" पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता द्वारा आइआरपी को प्रदान किए जाने वाले सभी रिकार्ड की साफ्ट कापी भी एमिकस क्यूरी को उपलब्ध कराई जाएगी।
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