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    सर्जरी के बाद होश में ही नहीं आई बिल्ली, ऑपरेशन में लापरवाही से मौत पर वेटरनरी डाॅक्टर पर कार्रवाई

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 09:53 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के जिला उपभोक्ता आयोग ने सर्जरी के बाद बिल्ली की मौत के मामले में पशु चिकित्सक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। महिला ने नसबंदी सर्जरी में लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसके बाद बिल्ली की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। जांच में पता चला कि सर्जरी के पैरामीटर सही नहीं थे। डॉक्टर के उपस्थित न होने पर आयोग ने एकपक्षीय फैसला सुनाया।

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला उपभोक्ता आयोग ने सर्जरी के बाद बिल्ली की मौत के मामले में वादी महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पशु चिकित्सक को 25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।

    सर्जरी के बाद बिल्ली की मौत हो गई थी। महिला ने सर्जरी में लापरवाही से बिल्ली की जान जाने का आरोप लगाते हुए आयोग में डाॅक्टर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

    नोएडा के सेक्टर 107 में रहने तमन्ना गुप्ता ने बिल्ली पाल रखी थी। 16 जुलाई 2024 में बिल्ली की नसबंदी कराने इसी सेक्टर में संचालित सुरेश सिंह के वेटरनरी क्लीनिक में ले गईं।

    डाॅक्टरों ने सर्जरी के लिए 17480 रुपये फीस जमा कराई। सर्जरी से पहले खून की जांच आदि करने के बाद टीका लगाया। इसके बाद करीब 35 मिनट तक सर्जरी चली। इसके बाद बिल्ली होश में नहीं आई।

    तमन्ना ने पशु चिकित्सक से संपर्क करने की कोशिश की, उन्होंने जवाब नहीं दिया। क्लीनिक में मौजूद स्टाफ से ब्लड व सर्जरी से संबंधित रिपोर्ट मांगी, जिसे नहीं दिया गया।

    सर्जरी करने के बाद बिल्ली की हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे दूसरे क्लीनिक रेफर कर दिया गया। तमन्ना ने ब्लड व सर्जरी आदि रिपोर्ट मांगी, लेकिन नहीं दी गई। हालत गंभीर होते देख बिल्ली को दूसरे क्लीनिक ले गईं।

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    दूसरे क्लीनिक में जांच रिपोर्ट में सामने आया कि सर्जरी में उपयोग किए गए 19 में से 14 पैरामीटर अनुपयुक्त थे। इसी के चलते बिल्ली की मौत हो गई। पीड़िता ने पशु चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही से बिल्ली की मौत होने का आरोप लगाया।

    पीड़िता ने आयोग के सामने सर्जरी के लिए जमा कराए गए रुपये लौटाने की मांग करते हुए वाद दायर किया था। नोटिस जारी करने के बाद भी आरोपी डाॅक्टर अपना पक्ष रखने आयोग के सामने उपस्थित नहीं हुआ।

    अध्यक्ष ने एकपक्षीय सुनवाई करते हुए आरोपी डाॅक्टर द्वारा 30 दिन के अंदर छह प्रतिशत ब्याज समेत 25 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है।

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