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    Noida News: SIR में लापरवाही पर 68 बीएलओ और सुपरवाइजर पर एक्शन, चार दिनों का वेतन रोक गया 

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 09:24 AM (IST)

    गौतमबुद्ध नगर में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में लापरवाही बरतने पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने 68 बीएलओ और सुपरवाइजर का वेतन रोक दिया है। इससे पहले भी 155 अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी। निर्वाचन अधिकारी ने चेतावनी दी है कि कार्य में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतदाताओं को प्रपत्र के साथ कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।

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    मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) चल रहा है। 

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। भारत निर्वाचन आयोग बिहार के बाद 12 प्रदेशों में एक साथ मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) चल रहा है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में भी निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निर्वाचक नामावली का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) का पहला चार नवंबर से शुरू हो चुका है, लेकिन कुछ बीएलओ व सुपरवाइजर इस काम में हाथ नहीं बटा रहे हैं। इससे नाराज होकर जिला निर्वाचन अधिकारी मेधा रूपम ने शनिवार को तीनों विधानसभा क्षेत्र के 68 बीएलओ और सुपरवाइजर का चार दिनों का वेतन रोक दिया है।

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    दरअसल, चार नवंबर से चार दिसंबर तक जिले में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एसआइआर चलाया जा रहा है। अभी भी तीनों विधानसभा क्षेत्र के कुछ बीएलओ और सुपरवाइजर इस काम को शुरू नहीं किया है। इससे नाराज जिला निर्वाचन अधिकारी ने 61-नोएडा विधानसभा क्षेत्र के 37 बीएलओ व सुपरवाइजर, 62- दादरी विधानसभा क्षेत्र के 14 बीएलओ व सुपरवाइजर और 63-जेवर विधानसभा क्षेत्र के 17 बीएलओ और सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार दिनों का वेतन रोक दिया है। इनके खिलाफ मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

    इससे पहले भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने पांच नवंबर को 155 बीएलओ, सुपरवाइजर और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के वेतन काटने के साथ मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश जारी कर चुकी हैं। बावजूद इसके बीएलओ और सुपरवाइजर के कदम इस कार्य के लिए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।

    उन्होंने स्पष्ट कहा है कि निर्वाचन आयोग के कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जल्द काम शुरू कर दें, अन्यथा वेतन काटने, निलंबन की कार्रवाई के बाद मुकदमा और तीन माह से दो साल तक की कारावास भी हो सकती है। उन्होंने कहा है कि फोन, व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज डालने के बावजूद इस तरह की लापरवाही न सिर्फ कार्य के प्रति उदासीनता बल्कि राष्ट्रीय महत्व के कार्यों की उपेक्षा भी माना जाएगा जो लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के प्रविधानों का उल्लंघन है।

    प्रपत्र के साथ नहीं देना होगा कोई दस्तावेज 

    उप निर्वाचन अधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि एसआइआर का पहला चरण शुरू हो गया है। बीएलओ घर-घर जाकर दो प्रपत्रों में मतदाताओं को सिर्फ जानकारी भरनी होगी। एक प्रति मतदाता के पास रहेगा और दूसरी प्रति बीएलओ अपने अपने पास रखेंगे। इन प्रपत्रों के साथ कोई भी दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। मतदाता प्रपत्र में सिर्फ जानकारी साझा करें।