नोएडा में 19 दिनों बाद सुधरी हवा की गुणवत्ता, लोगों ने ली राहत की सांस; बिना मास्क के स्कूल पहुंचे छात्र
नोएडा में 19 दिनों बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिली है। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 163 दर्ज किया गया। तेज हवाओं और बूंदाबांदी ने प्रदूषण की परत को साफ किया। अभिभावकों ने बच्चों को बिना मास्क के स्कूल भेजा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है।
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नोएडा की हवा में 19 दिनों बाद सुधार होने से लोगों को प्रदूषण से राहत मिली।
जागरण संवाददाता, नोएडा। शहर की हवा में 19 दिनों बाद सुधार होने से लोगों को प्रदूषण से राहत मिली। शुक्रवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 163 और ग्रेटर नोएडा का 116 दर्ज हुआ। यह येलो जोन में रहा। इस जोन में एक्यूआइ वर्षा के दिनों में दर्ज किया जाता है। 12 अक्टूबर को नोएडा का एक्यूआइ 189 और ग्रेटर नोएडा का 192 दर्ज किया गया था। शुक्रवार को माह का सबसे कम एक्यूआइ दर्ज किया गया।
सुबह आठ बजे से ही निकली धूप से कई दिनों से छाई धुंध से निजात दिलाई, तो लोग खुली हवा में सांस लेने बिना डर के निकल पाए। बता दें कि शुक्रवार को 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के कारण प्रदूषण के बादल छंटे रहे। वहीं ग्रेटर नोएडा में बृहस्पतिवार को शाम ढलते ही हुई बूंदाबांदी ने प्रदूषण की परत को साफ किया। कई दिनों बाद निकली धूप ने आसमान को साफ करने के साथ ही हवा को भी शुद्ध किया।
पिछले दिनों शहर का एक्यूआइ 300 से 377 पहुंचने के कारण स्कूलों में बच्चों को मास्क लगाकर घर से निकलने की हिदायत दी गई। अभिभावकों ने प्रदूषण कम देखते हुए बच्चों को स्कूल बिना मास्क के भेजा। बता दें कि ग्रेप-2 की पाबंदियां लगी हुई है। नियमों को ताक पर रख कर लोग निर्माण कार्य के जुटे हुए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर उत्तर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार जुर्माने और नोटिस देने की कार्रवाई कर रहा है।
ग्रेटर नोएडा में बूंदाबांदी होने से और आसमान साफ के साथ धूप निकलने से प्रदूषण कम हुआ है। वहीं हवा की रफ्तार भी बढ़ने से भी इसका असर देखने को मिला है। - संजय नावद, पर्यावरणविद

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