नोएडा का हरा स्वप्न अधर में लटका, बोटेनिकल गार्डन का बजट हुआ आधा
नोएडा के बोटेनिकल गार्डन को विश्वस्तरीय इको-हब बनाने की योजना बजट की कमी के कारण अधर में लटक गई है। मंत्रालय ने मंजूर बजट में कटौती कर दी है, जिससे काम ठप हो गया है। 164.85 एकड़ में फैले इस गार्डन में 50 नए सेक्शन विकसित करने की योजना थी, लेकिन फंड के अभाव में यह सपना अधूरा रह सकता है।
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बोटेनिकल गार्डन आगंतुकों के लिए बंद l जागरण
प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। बोटेनिकल गार्डन में पंचवटी, आयुर्वेद, नक्षत्र गार्डन समेत अलग-अलग 50 सेक्शन विकसित करने की योजना थी। इस परियोजना के तहत लोगों को पेड़, पौधे और फूलों की देखभाल और संरक्षण के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाना था। इस महत्वाकांक्षी योजना की जिम्मेदारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय को सौंपी गई थी। लेकिन बजट की कमी के कारण इस सपने का पूरा होना मुश्किल होता नजर आ रहा है।
मास्टर प्लान के अनुसार कार्य के लिए जो बजट मंजूर हुआ था, उसमें मंत्रालय ने कटौती कर दी है। अब तक 20 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे, जो खर्च हो चुके हैं। डेढ़ माह से फंड का इंतजार किया जा रहा है और कार्य ठप पड़ा है। शहर के बीचोंबीच स्थित बोटेनिकल गार्डन पर्यावरण प्रेमियों के लिए आशा की किरण है। यहां 50 नए सेक्शन विकसित करके गार्डन को एक विश्वस्तरीय इको-हब बनाने का सपना देखा गया था। लेकिन अब यह योजना धूल फांक रही है।
मास्टर प्लान के तहत 50 सेक्शन बनाने के लिए 490 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 369 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। लेकिन मंत्रालय ने मंजूर बजट को घटाकर 180 करोड़ रुपये कर दिया है, जिसमें से केवल 20 करोड़ रुपये ही रिलीज हो पाए हैं। फरवरी में शुरू हुआ कार्य पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ा है।
कामगार लौट चुके हैं और मशीनें यहां खड़ी हैं। 164.85 एकड़ में फैले इस बोटेनिकल गार्डन में 24 सेक्शन में 800 से अधिक पेड़-पौधे, औषधीय जड़ी-बूटियां और दुर्लभ प्रजातियां संरक्षित हैं।
फैमिली प्लांट समेत, पहाड़ी पौधे भी लगाने की तैयारी
इकोनोमिक बोटेनी सेक्शन में गोंद, सिल्क, काटन उत्पादन करने वाले पौधे होंगे जो आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार होंगे। टेक्सोनोमी सेक्शन में अलग-अलग फैमिली प्लांट्स लगाए जाएंगे, जिसमें हर फैमिली का एक प्लांट उनकी खासियत प्रदर्शित करेगा। धार्मिंक सेक्शन में पूजा पाठ में उपयोग होने वाले पेड़- पौधे और फूलों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस सेक्शन में पंचवटी, आयुर्वेद और नक्षत्र गार्डन होगा। एक्यूटेक गार्डन में अधिक पानी वाले पौधों को शामिल किया जाएगा।
साथ ही कम पानी वाले पौधों के लिए एक सेक्शन बनाया जाएगा। एरोमेटिक गार्डन में खुशबूदार पौधों को लगाया जाएगा। जंगली पौधों और पहाड़ों व ठंडे प्रदेशों में पाए जाने वाले फूल व पौधों को प्रदर्शित करने के लिए एक अलग से सेक्शन तैयार किया जाएगा। अलग-अलग ब्लाक बनाए जाएंगे। जिसमें फूल व पौधों के अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा।
विकास के लिए प्राधिकरण दे चुका है एनओसी
विकास के लिए नोएडा प्राधिकरण ने करीब दो वर्ष पूर्व एनओसी प्रदान की थी। मंत्रालय से मंजूर बजट के आधार पर यहां कार्य होना था, लेकिन बजट में कटौती के कारण कार्य ठप है। ऐसे में प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक कर बजट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव रखने की तैयारी कर रहा है।
फरवरी से आगंतुकों का प्रवेश बंद
बोटेनिकल गार्डन में मास्टर प्लान के तहत कार्य शुरू होते ही यहां आगंतुकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। डेढ़ माह से कार्य ठप होने के बावजूद आगंतुकों का प्रवेश अभी भी बंद है। कार्य और आगंतुकों का प्रवेश कब शुरू होगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

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