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    नोएडा के मार्क अस्पताल में ऑक्सीजन लाइन में ब्लास्ट, मरीजों की चीख-पुकार के बीच अग्निशमन टीम ने टाला बड़ा हादसा

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 08:16 PM (IST)

    नोएडा के मार्क अस्पताल में ऑक्सीजन लाइन में ब्लास्ट होने से अफरा-तफरी मच गई। मरीजों में चीख-पुकार मच गई। अग्निशमन दल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। घटना के बाद अस्पताल में दहशत का माहौल है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। फेज तीन थानाक्षेत्र के सेक्टर 66 स्थित मार्क अस्पताल के भूतल पर बने आईसीयू में रविवार दोपहर ऑक्सीजन लाइन में तेज आवाज के साथ ब्लास्ट हो गया। अस्पताल में भर्ती 18 मरीज और तीमारदारों के बीच चीख पुकार मच गई। बड़े हादसे का अंदेशा जताते हुए सूचना पर अग्निशमन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची।

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    आईसीयू में भर्ती मरीजों को तत्काल अन्य वार्ड में शिफ्ट किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने सीएलडी के एक मरीज को रेफर करने, आईएलडी विद सेपसिस के मरीज की घटना से आधे घंटे पहले ही मौत होने और कोई भी जनहानि नहीं होने का दावा किया है।

    नोएडा सेक्टर 66 में तीन मंजिला व 49 बेड का मार्क नाम से अस्पताल व ट्रामा सेंटर है। भूतल पर बने आईसीयू कक्ष में रविवार को आठ मरीज भर्ती थे। कक्ष के फाल्स सीलिंग से होकर ऑक्सीजन लाइन और बिजली तार जा रहे हैं। बिजली लाइन में दोपहर करीब 12 बजकर सात मिनट पर शॉर्ट सर्किट हुआ।

    भूतल की बिजली कटते ही इसकी चपेट में आई ऑक्सीजन लाइन लीकेज हुई और ब्लास्ट जैसी आवाज आई। आवाज सुनकर मरीज और तिमारदार डर गए। सभी कमरों में से आवाज आने लगी। स्टाफ ने तिमारदारों को आग नहीं लगने व ऑक्सीजन लाइन फटने के बारे में बताते हुए नहीं घबराने की अपील की।

    जानकारी मिलने पर अस्पताल के सामने ही अग्निशमन कार्यालय और थाने से टीम पहुंच गई। आईसीयू में भर्ती मरीजों को बाहर निकाला गया। मरीजों को भवन के अन्य तल के वार्ड में शिफ्ट कराया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने बताया कि अग्निशमन टीम ने आईसीयू कक्ष की फाल्स सीलिंग हटाकर जांच की तो बिजली के तार और ऑक्सीजन लाइन क्षतिग्रस्त मिली। गनीमत रही कि आग नहीं लगी। बड़ा हादसा हो सकता था।

    अस्पताल निदेशक डाॅ. अनुज त्रिपाठी ने बताया कि छोटा सा शाॅर्ट सर्किट था, लेकिन चपेट में आई लाइन में तेज आवाज होने पर भय का माहौल बन गया था। उस दौरान अस्पताल परिसर में 18 मरीज थे। आईसीयू में भर्ती आठ में से छह मरीजों को अस्पताल में कुछ घंटों के लिए शिफ्ट कराकर उपचार कराया गया, जबकि एम्स से उपचार करा रहे सीएलडी के मरीज नेत्रपाल को एक दिन पहले ही भर्ती कराया गया था।

    स्वजन स्वेच्छा से एम्स ले गए। आइएलडी विद सेपसिस बीमारी से ग्रसित मरीज नरेश की मौत करीब साढ़े 11 बजे हो गई थी। स्वजन को यह जानकारी थी। मरीज के अन्य तीमारदारों को भी सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया।

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