UP के इस जिले के बैंकों में लावारिस पड़े करोड़ों रुपये, अब RBI-DFS ढूंढ रहे असली वारिस!
उत्तर प्रदेश के बैंकों में करोड़ों रुपये लावारिस हालत में पाए गए हैं। आरबीआई और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) संयुक्त रूप से इन रुपयों के असली वारिसों की तलाश कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह धन सही हकदारों तक पहुंचे और न्याय हो।

बैंकों में लावारिस पड़ी करोड़ों की धनराशि।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिले के बैंकों में वर्षों से 190.63 करोड़ रुपये की धनराशि विभिन्न कारणों से खातों में लावारिस पड़ी हुई है। यह लावारिस धनराशि खाताधारक की मृत्यु, भूलवश के अलावा अन्य कारणों से निष्क्रिय खातों में पड़ी हुई है।
धनराशि के असली वारिसों को तलाश के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एवं वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) की ओर से आपकी पूंजी आपका अधिकार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत दावों के निपटान के लिए शुक्रवार को सूरजपुर स्थित विकास भवन में शिविर लगाया जाएगा।
अभियान के तहत बैंकों की ओर से अनक्लेम्ड धनराशि जिन खातों में जमा है उनकी सूची के आधार पर वारिसों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों को ग्राहकों के पते पर भी भेजा जा रहा है। इससे लावारिस धनराशि उनके असली उत्तराधिकारी तक पहुंचाई जा सके। जिन लोगों को अंदेशा है कि उनके किसी संबंधी के खाते में अनक्लेम्ड राशि है वह उद्दम पोर्टल पर जानकारी ले सकते हैं।
पोर्टल पर अपने मोबाइल नंवर से यूजर आइडी और पासवर्ड बनाना होगा। इसके बाद अपने परिवार की बुनियादी जानकारी दर्ज करके विभिन्न बैंकों में लावारिस धनराशि खोज सकते हैं। यदि कोई मिलान होता है, तो आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित बैंक की शखा में जाकर धनराशि पर दावा कर सकते हैं।
दावों के निपटान के लिए 21 को लगेगा शिविर
सूरजपुर स्थित विकास भवन के सभागार में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक अनक्लेम्ड राशि के दावों के निपटारे के लिए शिविर लगाया जा रहा है। इसमें जिन लोगों की अनक्लेम्ड धनराशि पड़ी हुई है, वह शिविर में जरूरी दस्तावेजों के साथ जाकर राशि क्लेम कर सकेंगे।
जिन लोगों को अनक्लेम्ड राशि होने का अंदेशा है। वह भी शिविर में जाकर जानकारी ले सकते हैं। कैंप की अध्यक्षता जिलाधिकारी मेधा रूपम करेंगी। और विशिष्ट अतिथि के तौर पर एमएलसी श्री चंद शर्मा रहेंगे।
4.80 लाख निष्क्रिय खातों में हैं लावारिस धनराशि
लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि जिले की विभिन्न बैंकों में कुल 480039 निष्क्रिय खातों में 190.63 करोड़ रुपये की धनराशि लावारिस है। जो बैंकों में जमा राशि के साथ, म्युचुअल फंड, जनरल इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन फंड आदि से संबंधित धनराशि है।
इस धनराशि के असली वारिसों की तलाश की जा रही है। यदि ग्राहक द्वारा नामिनी बनाया हुआ था तो नामिनी को धनराशि का भुगतान किया जाएगा। नामिनी न होने की स्थिति में जिस तरह से डेथ क्लेम सेटलमेंट होता है उस तरह से फंड क्लेम सेटलमेंट किया जाएगा।
अनक्लेम्ड राशि के दावों के निपटान के लिए लिए डीएफएस और आरबीआइ के निर्देश पर 31 दिसंबर तक अभियान चलेगा। बैंक अपने स्तर से भी प्राप्त सूची के आधार पर अनक्लेम्ड राशि के वारिसों की तलाश कर रहे हैं। ग्राहक स्वयं भी अंदेशा होने पर या राशि क्लेम करने में कुछ समस्या आ रही है तो नजदीकी बैंक शाखा में जाकर जानकारी ले सकते हैं।
राजेश कटारिया, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक गौतमबुद्ध नगर


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