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    यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बड़े भूखंडों पर निर्माण में सुस्ती, अब कैसे होगा शहर का विकास

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 07:39 PM (IST)

    यमुना प्राधिकरण के आवासीय सेक्टरों में बड़े भूखंडों के आवंटियों की भवन निर्माण में कम रुचि है। ज्यादातर छोटे भूखंड मालिक ही निर्माण कार्य कर रहे हैं। प्राधिकरण ने अब तक 1,731 मानचित्र स्वीकृत किए हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे भूखंडों के हैं। प्राधिकरण आवंटियों से निर्माण शुरू करने का आग्रह कर रहा है ताकि शहर का विकास हो सके।

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    यमुना प्राधिकरण के आवासीय सेक्टरों में बड़े भूखंडों के आवंटियों की भवन निर्माण में कम रुचि है।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के आवासीय सेक्टरों में बड़े भूखंडों के आवंटियों की भवन निर्माण में कोई खास रुचि नहीं है। अधिकांश छोटे भूखंड मालिक ही पहल कर रहे हैं। अब तक भवन निर्माण के लिए स्वीकृत 1,731 मानचित्रों में से अधिकांश 300 वर्ग मीटर या उससे छोटे भूखंड हैं। बड़े भूखंडों पर निर्माण न होने के कारण, प्राधिकरण के अधिकांश सेक्टर निर्जन दिखाई देंगे।

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    यमुना प्राधिकरण ने 2009 में अपनी पहली आवासीय भूखंड योजना शुरू की थी। अब तक, प्राधिकरण नौ आवासीय भूखंड योजनाओं में 30,000 से अधिक भूखंड आवंटित कर चुका है। सभी आवंटियों में से 50% से अधिक, 16,562, को पंजीकरण के लिए चेकलिस्ट जारी की जा चुकी हैं।

    12,000 से अधिक आवंटियों ने पंजीकरण कराकर कब्जा ले लिया है। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, कब्जा प्राप्त करने के तीन साल के भीतर भवन का निर्माण और पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। निर्माण पूरा होने पर, शुल्क लेकर विस्तार दिया जाता है।

    सेक्टर 18 और 20 में लगभग 25,000 आवासीय भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें 60 वर्ग मीटर से लेकर 4,000 वर्ग मीटर तक के भूखंड शामिल हैं। हालाँकि 60 और 90 वर्ग मीटर के भूखंडों की संख्या काफी कम है, लेकिन जिन लोगों ने भूखंड पर कब्जा लेने के बाद भवन निर्माण किया है, उनमें से अधिकांश छोटे भूखंडों के मालिक हैं।

    प्राधिकरण ने अब तक 1,731 मानचित्रों को मंजूरी दी है। 300 वर्ग मीटर तक के भूखंडों वाले आवंटियों की अधिकतम संख्या 1,448 है, जबकि 1,000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों वाले आवंटियों की संख्या 267 है। बड़े भूखंडों वाले आवंटियों की संख्या बहुत कम है। 2,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में केवल 9 और 4,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में 7 आवंटियों को ही मानचित्र स्वीकृत हुए हैं।

    प्राधिकरण ने 300 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में 1,093 आवंटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी किए हैं। 1,000 वर्ग मीटर से कम की श्रेणी में 97 आवंटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं।

    2,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में किसी भी आवंटी को पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं मिला है और 4,000 वर्ग मीटर तक की श्रेणी में केवल 3 आवंटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं।

    यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि जिन आवंटियों ने पहले ही कब्जा ले लिया है, उन्हें निर्माण शुरू करने के लिए कहा जा रहा है। जब भूखंडों पर निर्माण कार्य में तेजी आएगी, तभी शहर के विकास में तेजी आएगी।