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    ₹5.54 करोड़ की 'डिजिटल डकैती':ठगों ने गेमिंग एप से 20,000 लोगों को लूटा, Police की रेड में 6 गिरफ्तार

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 08:08 PM (IST)

    साइबर अपराधियों ने एक गेमिंग ऐप के जरिए 20,000 लोगों से 5.54 करोड़ रुपये लूटे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ठगों ने ...और पढ़ें

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    पुलि‍स की ग‍िरफ्त में आरोप‍ित

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। आनलाइन गेमिंग एप के जाल में फंसाकर अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने तीन महीने में 5.54 करोड़ की ठगी कर ली। शनिवार को उत्तराखंड में फर्जी काल सेंटर में छापेमारी कर मुख्य संचालक मंजीत समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। मंजीत दुबई के काल सेंटर में ठगी के पैतरे सीखकर आया था।

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    इसके बाद गुजरात, मध्यप्रदेश व नेपाल राष्ट्र के युवकों के साथ मिलकर लोगों को शिकार बनाने लगा। आरंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि गिरोह अब तक 50 हजार लोगों का डेटा ले चुका है। उसके सदस्य ठगी की रकम से एक हिस्सा दुबई में बैठे सरगना को भेजते थे। गुरुवार को घुंघचाई थाना पुलिस ने स्थानीय निवासी अमृतपाल समेत तीन को आनलाइन ठगी के आरोप में पकड़ा था।

    उससे पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मुख्य संचालक मंजीत सिंह उर्फ सोनू बसंतपुर नौनेर गांव में रहता है। कुछ समय पहले वह कुछ युवकों के साथ दुबई में नौकरी करने गया था। वहां काल सेंटर की आड़ में ठगी के तरीके सीखे, फिर तीन महीने वापस आकर ठगी शुरू कर दी।

    इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह ने बताया कि मंजीत व उसका गिरोह फेयर प्ले एप (एप्लीकेशन) पर बने फ्रोजन साफ्टवेयर एवं डायलर सिस्टम के माध्यम से लोगों से संपर्क कर ठगी करता था। गिरोह के सदस्य एप डाउनलोड करने वालों का ब्योरा एकत्र कर उन्हें फोन काल्स करते थे। उनसे कहते थे कि कस्टरकेयर से बात कर रहे हैं।

    उन लोगों को जीत का झांसा देकर पहली बार आनलाइन गेम में 500-600 रुपये लगवाकर 800-1000 रुपये जीतने की बात कही जाती थी। इसी बहाने उनसे बैंक खाते की डिटेल लेकर रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते थे। लालच में आए लोग गेम में अधिक रुपये लगाने लगते तो रकम हड़प ली जाती थी।

    कुछ यूजर्स को लिंक भेजकर उनके मोबाइल फोन एवं बैंकिंग का कंट्रोल भी अपने हाथ में ले लिया जाता था। उनके खातों से रकम गिरोह के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी। मंजीत ने इसके लिए घुंघचाई में फर्जी काल सेंटर खोला, जिसका संचालन करने वाला अमृतपाल पकड़ा जा चुका।

    दूसरा फर्जी काल सेंटर रुद्रपुर में था। वहां गाबा चौक के पास छापेमारी कर मंजीत, गुजरात के आनंद जिला निवासी विक्रांत उर्फ विक्की, मध्यप्रदेश के भोपाल के कालका चौराहा निवासी कुनाल प्रजापति, कपिल मेहरा एवं कोलार निवासी प्रशांत सिंह और नेपाल निवासी चक्र खड़का को पकड़ा गया।

    ये सभी गिरोह में शामिल होकर कुछ समय से रुद्रपुर में किराये के कमरे में रहने लगे थे। आरोपितों से 13 मोबाइल फोन, 13 लैपटाप, दो कंप्यूटर सिस्टम, यूएई का सिमकार्ड आदि सामान बरामद हुआ। सभी के विरुद्ध साइबर अपराध, धोखाधड़ी, ठगी आदि धाराओं में प्राथमिकी लिखकर दोपहर को जेल भेज दिया गया।

     

    आनलाइन गेमिंग के माध्यम से साइबर ठगी करने के छह और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के संपर्क दुबई से हैं। इनके बाकी नेटवर्क को तलाश किया जा रहा है। अभी और आरोपित कार्रवाई के घेरे में आएंगे।

    - अभिषेक यादव, एसपी पीलीभीत


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