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    Pilibhit Tiger Reserve में जंगल सफारी की सैर करना हुआ महंगा, अब इतने रुपये की मिलेगी टिकट

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:08 AM (IST)

    पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब सफारी करना महंगा हो गया है। छह सीटर वाहन का शुल्क 3970 रुपये और वीकेंड पर 4300 रुपये कर दिया गया है। शुल्क में वृद्धि का कारण वाहनों की एंट्री फीस और रोड मेंटीनेंस में बढ़ोतरी है। पर्यटन शुल्क का उपयोग जंगल में सुविधाओं के विकास पर किया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। टाइगर रिजर्व की सैर करने वालों को इस बार अधिक शुल्क देना होगा। टाइगर रिजर्व प्रशासन ने छह सीटर सफारी वाहन का शुल्क 3700 रुपये से बढ़ाकर 3970 रुपये कर दिया है। यह शुल्क सोमवार से शुक्रवार के लिए लागू किया गया है। शनिवार और रविवार का शुल्क इससे भी अधिक होगा।

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    इन दोनों दिनों में पर्यटकों से छह सीटर सफारी वाहन के 4300 रुपये लिए जाएंगे। शुल्क की नई दरें रविवार से लागू कर दी गईं। शाम तक 390 पर्यटकों ने जंगल घूमा। टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र आरंभ होने पर एक नवंबर को निश्शुल्क सैर कराई गई थी। उसी शाम वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में बाघ संरक्षण फाउंडेशन की बैठक में नए सत्र के शुल्क पर विमर्श हुआ।

    प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि वाहनों की इंट्री फीस, रोड मेंटीनेंस फीस, पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। सप्ताह के अंतिम दो दिनों में पर्यटकों की संख्या अत्याधिक होती है। इन दोनों दिनों के लिए अतिरिक्त शुल्क तय किया है। इससे वीकेंड के कुछ पर्यटक सोमवार से शुक्रवार के बीच पहुंचने लगेंगे तो पर्यटकों का संतुलन बना रहेगा।

    जंगल घुमाने के लिए छह सीटर वाहनों के शुल्क में 270 से 600 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। यही दरें नौ सीटर वाहन के शुल्क पर भी लागू होंगी। चूका पिकनिक स्पाट की पांच हट्स का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है। वहां की चार थारू हट्स का प्रति रात्रि किराया पूर्व की तरह 5500 रुपये और ट्री हट का किराया नौ हजार रुपये ही रहेगा।

    प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जंगल सफारी पूर्व की तरह सुबह व शाम की शिफ्टों में जारी रहेगी। प्रत्येक शिफ्ट में सफारी वाहन तीन घंटे तक पर्यटकों को भ्रमण कराते हैं।

    पर्यटन शुल्क से कराए जाते हैं काम

    पर्यटन शुल्क बाघ सरंक्षण फाउंडेशन के पास जमा होता है। इस समय फाउंडेशन के कोष में 2.50 करोड़ रुपये हैं। अधिकारियों के अनुसार शनिवार को बैठक में तय हुआ कि फाउंडेशन दो करोड़ रुपये जंगल में सुविधाओं पर खर्च करेगा।

    इसमें नौ इको विकास समितियों को सुविधाएं देने पर 10.50 लाख, ईको पर्यटन विकास पर 15 लाख, पर्यावरण विकास पर 3.50 लाख, आकस्मिक सहायता पर पांच लाख, टाइगर रिजर्व के चारों ओर तार फेसिंग पर 10 लाख रुपये खर्च होंगे। कई अन्य कार्य भी कराए जाएंगे।