यूपी में उपभोक्ताओं के गले की फांस बने स्मार्ट मीटर, बिजली बिल देखकर उड़ रहे होश
शहर से लेकर देहात तक लगाए गए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के गले की फांस बन गए हैं। बिजली निगम ने इन मीटरों को पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया था, लेकिन अब यह प्रणाली तकनीकी खामियों से जूझ रही है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर के कारण उन्हें रोजाना रिचार्ज और बैलेंस कटने की झंझट झेलनी पड़ रही है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। शहर से लेकर देहात तक लगाए गए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के गले की फांस बन गए हैं। बिजली निगम ने इन मीटरों को पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया था, लेकिन अब यह प्रणाली तकनीकी खामियों से जूझ रही है।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के कारण उन्हें रोजाना रिचार्ज और बैलेंस कटने की झंझट झेलनी पड़ रही है। मीटर लगने के बाद चार-चार माह से बिल नहीं आ रहे है, जिनके बिल आए हैं उनके रकम देखकर होश फाख्ता हो चुके हैं। उपभोक्ता जब अधिकारियों के पास अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे तो उन्हें तकनीकी खामी बताकर लौटा रहे है।
जिले में तीन लाख 75 हजार बिजली उपभोक्ता हैं, जिनके घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाने है। हालांकि, अब तक करीब एक लाख ग्रमीण और 69 हजार नगर निकाय के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। करीब दो लाख घरों में मीटर लगाए जाने है, जो मीटर लगाए हैं, उनमें अधिकांश मीटर में ओवररीडिंग और अन्य तकनीकी खराबी बनी हुई है।
मंगलवार को पड़ताल की गई तो कई उपभोक्ता का कई महीने से बिल नहीं निकल, तो कई के मीटर तेज चल रहे थे। न्यूरिया के मोहम्मद सलीम ने बताया कि जब से स्मार्ट मीटर लगा है, तब से बिजली का बिल जमा करने में काफी परेशानी आ रही है। बिल का मैसेज हमेशा माइनस में आता रहता है।
इस समस्या को लेकर अधिकारियों से बात की गई, उन्होंने तकनीकी खामी बताकर बापस कर दिया। वहीं, शहर के अतहर हुसैन ने बताया कि घर पर लगे स्मार्ट मीटर लगने के बाद यह पता ही नहीं चलता कि बिल कितना बकाया है। इससे आगे चलकर उपभोक्ता पर बकाया बढ़ जाएगा। विनीत त्रिपाठी ने बताया कि स्मार्ट मीटर ने तो सिरदर्द बढ़ा दिया है। न बिल की तारीख का पता चलता है और न भुगतान में आसानी है। पुराने मीटर बेहतर थे, जिनमें समय से बिल आता था और आसानी से जमा भी होता था।
टिंकू कश्यप ने बताया पहले के मीटर से करीब तीन सौ रुपये आता था लेकिन वह अब बढ़ कर एक हजार रुपये आ रहा है।
नंबर अपडेट नहीं होने से गुल हो रही बिजली
जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर विभाग के रिकार्ड में दर्ज हैं, उन्हें संदेश तो मिल जाते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके नंबर अपडेट नहीं हैं। ऐसे लोगों को बिजली कटने या बैलेंस खत्म होने की जानकारी समय पर नहीं मिलती, जिससे उन्हें अचानक बिजली गुल होने की परेशानी उठानी पड़ती है।
जिले में मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। कुछ मीटरों में तकनीकी खराबी होने से मीटर बिल में परेशानी आ जाती है। जिन मीटरों में खराबी की शिकायत आती है, उन्हें सही कराया जाता है।- पंकज भारती, प्रभारी अधीक्षण अभियंता पीलीभीत
मोहम्मद सलीम ने कहा कि घर में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता खासे परेशान हैं। नया बिजली का कनेक्शन कराया था। विभाग की ओर से उनके यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया है लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी बिल नहीं आया है।
अथर हुसैन ने कहा कि बिजली का बिल जमा करने में काफी परेशानी हो रही है। बिल का कोई मैसेज नहीं आता है। इस समस्या को लेकर अधिकारियों से मिला लेकिन कोई सही जबाव नहीं दिया गया।
विनीत ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से पता नहीं चला कि बिल कितना आया है। शिकायत करने के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। अधिकारी भी इस कार्य को लेकर उदासीन है। बिजली विभाग और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
टिंकू कश्यप ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से समस्या और बढ़ गई है। अधिक बिल आने के साथ अन्य समस्या बनी हुई है। बिल जमा करने की तारीख के साथ भुगतान का कोई पता नहीं चल पा रहा है।

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