UP News: 10 वर्ष पुराना प्रारूप अपर्याप्त, डायट प्रवक्ताओं के लिए नए मॉड्यूल
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम विद्यालयों में लागू हो गया है। कक्षा एक से पहले अब प्री प्राइमरी स्कूल संचालित होने लगे हैं। इसी तरह और भी कुछ बदलाव हुए हैं। ऐसे में यह महसूस किया गया कि डीएलएड प्रशिक्षुओं को क्या और कैसे पढ़ाया जाए।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
अवधेश पाण्डेय, जागरण प्रयागराज। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम के अनुरूप डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के पाठ्यक्रम में सुधार के साथ प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के अंग्रेजी विषय के प्रवक्ताओं को ध्यान में रखकर आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआइ) इधर हुए बदलाव के अनुरूप माड्यूल तैयार कर रहा है।
10 वर्ष पहले बने माड्यूल के अनुरूप अभी प्रदेश के सभी 66 डायट, एक सीटीई कालेज एवं तीन हजार से ज्यादा निजी डीएलएड प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवक्ता प्रशिक्षण दे रहे हैं, जो अब बेसिक शिक्षा में नए बदलाव के चलते अपर्याप्त हो चला है। पहले बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) कोर्स चलता था, जो 2017 से डीएलएड हो गया।
यह प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आवश्यक शैक्षिक अर्हता है। बीटीसी प्रशिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत प्रशिक्षुओं को पढ़ाने के लिए 2014 में अंग्रेजी विषय में माड्यूल बनाया गया था। उसी का उपयोग अब तक डीएलएड प्रशिक्षण में किया जा रहा है, जबकि अब 2025 तक बेसिक विद्यालयों के शैक्षिक परिदृश्य में बहुत बदलाव आया है।
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम विद्यालयों में लागू हो गया है। कक्षा एक से पहले अब प्री प्राइमरी स्कूल संचालित होने लगे हैं। इसी तरह और भी कुछ बदलाव हुए हैं। ऐसे में यह महसूस किया गया कि डीएलएड प्रशिक्षुओं को क्या और कैसे पढ़ाया जाए। इसके लिए ऐसा नया माड्यूल तैयार किए जाने की योजना तय की गई, जो डायट प्रवक्ताओं एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं दोनों के लिए एनईपी के उद्देश्यों के तहत उपयोगी हो।
इसके लिए ईएलटीआइ के प्राचार्य स्कंद शुक्ल के निर्देशन में ईएलटीआइ में कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में डीएलएड प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष के कुछ प्रशिक्षुओं को बुलाकर उनसे आवश्यकता और राय ली जा रही है कि प्रशिक्षण के दौरान क्या कठिनाई आती है, ताकि उसी अनुरूप पाठ्यक्रम में सुधार कर प्रवक्ताओं के लिए माड्यूल तैयार किया जा सके।
कार्यशाला में डायट प्रवक्ताओं सहित कुछ विश्वविद्यालयों से विशेषज्ञ भी बुलाए गए हैं। अंग्रेजी विषय की तरह गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान सहित अन्य विषयों के पाठ्यक्रम में सुधार और माड्यूल तैयार करने के लिए कार्यशाला आयोजित किए जाने की योजना है।

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