Prayagraj Ramlila : श्रीराम धारण करेंगे 150 वर्ष पुराना लाहौरी मुकुट, पाकिस्तानी कारीगरों ने बनाया था, अनोखी है पजावा रामलीला
Prayagraj Ramlila प्रयागराज में महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला कमेटी इस बार राम लक्ष्मण और सीता जी को 150 वर्ष पुराना मुकुट पहनाएगी। यह मुकुट लाला मनोहर दास बच्चा जी के परिवार ने बनवाया था जिसे लाहौर के कारीगरों ने बनाया था। 17 सितंबर को शाहगंज के राम जानकी मंदिर में मुकुट का पूजन होगा। कमेटी के पास सोने-चांदी के बने 10 मुकुट हैं जिनका पूजन किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Prayagraj Ramlila शारदीय नवरात्र निकट है। प्रयागराज में एक से बढ़कर एक प्राचीन और ऐतिहासिकता को समेटे रामलीला का मनोरम मंचन होता है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग बरबस खिंचे चले आते हैं। इन्हीं प्राचीन रामलीला में से एक है महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला। इस बार भी रामलीला का मंचन करने वाले कलाकार कुछ अलग प्रभाव दर्शकों पर डालेंगे।
क्यों खास है यह मुकुट
महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और माता सीता को इस बार 150 वर्ष पुराना मुकुट पहनाया जाएगा। यह मुकुट लाला मनोहर दास 'बच्चा जी' के परिवार की ओर से बनवाया गया था और इसे लाहौर (पाकिस्तान) के कारीगरों ने तैयार किया था।
मुकुट की कराई गई है मरम्मत
Prayagraj Ramlila पजावा रामलीला कमेटी के पास सुरक्षित रखे इस विषेष मुकुट का पूजन 17 सितंबर को शहर स्थित शाहगंज मुहल्ला के प्राचीन राम जानकी मंदिर में विधि-विधान से किया जाएगा। कमेटी के कोषाध्यक्ष अमिताभ टंडन ने मुकुट की मरम्मत कराई है।
सोने और चांदी से बने 10 मुकुट
कमेटी के वित्त मंत्री सचिन कुमार गुप्ता ने बताया कि मुकुट पूजन की तैयारी की जा रही है। मुकुट सोने की परत से बना है। इसकी सफाई कराकर चमकदार बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि सोने और चांदी के बने 10 मुकुट हैं, इन सभी का पूजन किया जाएगा।
मुकुट पूजन से रामलीला का आरंभ होगा
Prayagraj Ramlila कमेटी के वरिष्ठ सदस्य मोहन जी टंडन ने बताया कि महंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मुकुट पूजन से इसका शुभारंभ हो जाएगा। 11 ब्राह्मणों एवं और वेदपाठियों के द्वारा पूजन होगा।
चौकियों पर दिखेगा स्वर्णिम इतिहास
पजावा रामलीला कमेटी, श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के भव्य शृंगार के लिए विख्यात है। इसमें कलाकार बाहर से बुलाए जाते हैं। तमाम साज-सज्जा के बीच दशहरा के आगामी आयोजन में कमेटी का स्वर्णिम इतिहास दिखेगा। मुकुट ही नहीं, चौकियों पर भी पहले की तरह साज-सज्जा रहेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।