40वीं इंदिरा मैराथन कल सुबह, रन फान स्वच्छता की थीम पर देश भर के धावक प्रयागराज में परखेंगे अपनी ताकत
प्रयागराज में 40वीं इंदिरा मैराथन रन फार स्वच्छता, नो प्लास्टिक रन थीम के साथ आयोजित की जाएगी। आनंद भवन से शुरू होकर यह मैराथन देश भर में स्वच्छता का संदेश देगी। 524 धावक हिस्सा लेंगे, जिनमें सेना और पैरामिलिट्री के जवान शामिल हैं। विजेता को दो लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर प्रयागराज में कल होने वाली इंदिरा मैराथन के लिए अभ्यास करते धावक। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। रन फार स्वच्छता, नो प्लास्टिक रन की थीम पर 40वीं अखिल भारतीय प्राइमजनी इंदिरा मैराथन में बुधवार को देशभर से आए धावक अपने कदमों की ताकत परखेंगे। मैराथन की थीम के अनुरूप तीर्थराज से हर कदम प्लास्टिक मुक्त भारत और स्वच्छता का संदेश पूरे देश में भेजा जाएगा।
सर्वाधिक संख्या सेना व पैरामिलिट्री के धावकों की
पहली बार मैराथन में 21 वर्ष से कम उम्र के एथलीटों (न्यूनतम 18 वर्ष तक) को दौड़ने का मौका दिया गया है। जो सीने पर इलेक्ट्रानिक चिप युक्त विब लगाकर दौड़ेंगे। इस बार भी सर्वाधिक संख्या सेना व पैरामिलिट्री के धावकों की है। जबकि देश के दक्षिणी हिस्से से सर्वाधिक एथलीटों का प्रयागराज में जमावड़ा हुआ है। मैराथन में 524 धावक हिस्सा लेंगे। इसमें 448 पुरुष और 76 महिला धावकों का पंजीकरण हुआ है।
ऐतिहासिक आनंद भवन से होगा शुभारंभ
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि (19 नवंबर) पर आनंद भवन के सामने से मैराथन का सुबह 6.30 बजे शुभारंभ होगा। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना करेंगी। दोपहर 2.30 बजे स्टेडियम में पुरस्कार वितरण होगा। प्रथम मैराथन 1985 में हुई थी। तब प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने धावकों को पुरस्कार वितरित किया था।
42.195 किमी की मैराथन विजेता को दो लाख
42.195 किलोमीटर लंबी इस मैराथन जीतने वाले को दो लाख रुपये मिलेंगे। द्वितीय पुरस्कार विजेता को एक लाख और तृतीय स्थान पाने वाले को 75 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा चौथे स्थान से लेकर 14वें स्थान पर रहने वाले धावकों को 10-10 हजार रुपये का सांत्वना पुरस्कार मिलेगा।
6 बार की चैंपियन ज्योति शंकर गवते व अन्य धावक भी
मैराथन में महिलाओं सबसे कठिन चुनौती छह बार की चैंपियन ज्योति शंकर गवते और रजत पदक विजेता अश्वनी मदन जादव देंगी तो उनके साथ हरियाणा की रीनू और सोनिका, नेनू, सीमा, शिप्रा, नूतन आरती व तामसी सिंह को भी दावेदार माना जा रहा है।
इन्हें माना जा रहा प्रबल दावेदार
पुरुष वर्ग में प्रयागराज के अनिल, सेना के योगेश, जसवंत सिंह, सिरानू, कुलदीप सिंह, निशांत, बुगाथा, हेतराम, वाराणसी के राहुल पाल, जयपुर के शेर सिंह, आर्मी पुणे के राहुल, नीरज कुमार सेना को इस सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे की ओर नौ धावक मैराथन में अपनी चुनौती पेश करेंगे। कोच केसी रामू ने दावा कि इस बार अनिल, योगेश, जसवंत, बुगाथा श्रीनु, अर्जुन प्रधान, वेलिअप्पा, कुलदीप और विक्रम के बीच कड़ा संघर्ष होगा और इनमें विजेता चुना जाना संभावित है।
क्या बोले क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि तैयारियां पूरी हो गई हैं। इस बार हमारी थीम रन फार स्वच्छता, नो प्लास्टिक रन निर्धारित है। मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में मैराथन का समापन होगा।
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