पुलिस हिरासत में मजदूर की मौत के मामले में HC ने योगी सरकार से मांगा जवाब, दो सप्ताह का दिया समय
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज के नवाबगंज थाने में दलित मजदूर हीरालाल की हिरासत में मौत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जवाब के लिए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति संतोष राय की खंडपीठ ने दिया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज के नवाबगंज थाने में दलित मजदूर हीरालाल की हिरासत में मौत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जवाब के लिए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति संतोष राय की खंडपीठ ने अधिवक्ता मंच के मोहम्मद सईद व प्रमोद कुमार गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर अधिवक्ता चार्ली प्रकाश व सरकारी वकील को सुनकर दिया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नवाबगंज थाने में गत 26 मई को नारे पार बढ़ौना गांव निवासी 40 वर्षीय दलित हीरालाल की थर्ड डिग्री टार्चर के बाद मौत हो गई थी। परिवारजन को शव देखने नहीं दिया गया और उन्हें सौंपने की बजाय दारागंज घाट पर जला दिया गया। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मृत्यु होने की पुष्टि हुई है।
याचीगण के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि हीरालाल को उसके घर वालों के सामने लाठियों से पीटा और उसके बाद थाने ले जाकर थर्ड डिग्री टार्चर दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। याचिका में मौत की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने व तीन बच्चों सहित मृतक के स्वजन को 25 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग की गई है।
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