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    Astronomical Events : आज रात आकाश में देखें स्टर्जन मून का अद्भुद खगोलीय नजारा, 12 व 13 अगस्त को होगी पर्सिड्स उल्का बौछार

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 03:08 PM (IST)

    Astronomical Events अगस्त में खगोलीय घटनाओं का अद्भुत संगम होने जा रहा है। स्टर्जन मून व उल्का बौछार और ग्रहों का मिलन आप भी देख सकते हैँ। वैज्ञानिकों के अनुसार इस महीने पूर्णिमा के चांद को स्टर्जन मून कहा जाता है क्योंकि इस समय स्टर्जन मछली अधिक दिखती हैं। 11 और 12 अगस्त को शुक्र और बृहस्पति एक साथ दिखेंगे।

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    Astronomical Events अगस्त में खगोलीय घटनाएं होंगी। इनमें स्टर्जन चंद्रमा, पर्सिड्स उल्का बौछार और ग्रहों का संयोग देख सकते हैं।

    अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। Astronomical Events अगस्त माह में कई रोमांचक खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। आज शनिवार को पूर्णिमा है, इस माह के पूर्ण चंद्रमा को स्टर्जन मून भी कहते हैं। 12 व 13 अगस्त को पर्सिड्स उल्का बौछार अपने चरम पर होगी। इसमें प्रति घंटे 100 उल्का पिंड तक देखे जा सकते हैं, इसके लिए आसमान साफ होना जरूरी है।

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    यह उल्का बौछार प्रति वर्ष सक्रिय होता है। 17 जुलाई से 24 अगस्त तक इसे देख सकते हैं। इसे देखने का सब से अच्छा समय 12 व 13 अगस्त है। अन्य दिनों में बहुत कम उल्का बौछार होती है तो सामान्य आंखों से देखना संभव नहीं होता है। आकाश में वह बिंदु जहां से उल्का निकलती प्रतीत होती हैं, पर्सियस तारामंडल में होता है इसी लिए इसे पर्सिड्स उल्का बौछार कहते हैं।उत्तरी गोलार्ध से इसे ठीक से देख सकते हैं।

    इस वर्षा से निकले उल्कापिंड वायुमंडल से औसतन 1000 किमी/घंटा की गति से टकराते हैं। पर्सिड्स वर्षा का कारण बनने वाले मलबे को बनाने के लिए जिम्मेदार मूल निकाय 109पी/स्विफ्ट-टटल है। विशेष रूप से, वर्षा का विस्फोटों का इतिहास रहा है। 2016, 2021 में इस तरह की घटना तब देखी गई थी जब पृथ्वी घने मलबे से गुजरी थी।

    जवाहर तारामंडल की विज्ञानी सुरूर फातिमा ने बताया कि इस माह जो पूर्णिमा का चंद दिखाई देगा उसे स्टर्जन की संज्ञा दी जाती है, इसकी वजह है कि उत्तरी अमेरिका के ग्रेट लेक्स क्षेत्र में इस समय स्टर्जन मछली बहुत अधिक संख्या में दिखाई देती हैं। लेक स्टर्जन विशिष्ट प्रकार की मछली होती है जो 55 साल (नर) और 150 साल (मादा) जीवित रह सकती है। इस मछली के देखे जाने के समय से चांद का नामकरण यूरोप के विज्ञानियों ने कर दिया जबकि भारत में श्रावण पूर्णिमा कहा जाता है। इसके अतिरिक्त 19 अगस्त को बुध अपनी अधिकतम पश्चिमी विस्तार अवस्था में होगा जो सुबह के समय क्षितिज पर दिखाई देगा। शनि और नेपच्यून एक साथ देखे जा सकेंगे।

    साथ दिखाई देंगे शुक्र और बृहस्पति

    Astronomical Events 11 और 12 अगस्त को शुक्र और बृहस्पति एक साथ नजर आएंगे। दो सबसे चमकीले ग्रहों का साथ दिखना खास है। 19 और 20 अगस्त को चंद्रमा, बृहस्पति और शुक्र साथ दिखाई देंगे। जवाहर तारामंडल के इंजीनियर व खगोल अध्येक्षता शिवम ने बताया कि 12 अगस्त को चंद्रमा और शनि बहुत करीब रहेंगे। 21 अगस्त को चंद्रमा बुध ग्रह के साथ युगलबंदी करेगा। 26 अगस्त को वह मंगल ग्रह के साथ रहेगा।

    जवाहर तारामंडल में खगोलीय घटनाओं की दे रहे जानकारी

    Astronomical Events तारामंडल में आने वाले लोगों को इन ग्रहों के साथ अन्य घटनाओं की जानकारी विशेष रूप से दी जा रही है। इस समय आसमान में जो राशियां बहुत स्पष्ट दिखाई दे रही हैं उनमें सिंह, कुंभ प्रमुख हैं। मुकुट, शौरी, भुजंगधारी, हंस, स्वरमंडल, गरुड़ और महाश्व जैसे चमकीले तारे भी नजर आ रहे हैं। चित्रा, ज्येष्ठा, स्वाति, अभिजीत, श्रवण, डेनेब, मिनास्य और अलनैयर को भी देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त हस्त, नरतुरंग, भूतप, उत्तर सूर्य कर्क राशि में हैं जो 11 अगस्त को सिंह राशि में चले जाएंगे।