UP News: बिकरू कांड के दौरान थानाध्यक्ष रहे विनय तिवारी की जमानत हाई कोर्ट से मंजूर, पहली अर्जी हुई थी खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरू कांड के आरोपी चौबेपुर के पूर्व थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी की दूसरी जमानत याचिका को सशर्त स्वीकार कर लिया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने यह आदेश दिया। उनकी पहली जमानत याचिका पहले खारिज कर दी गई थी और वे जुलाई 2020 से जेल में हैं। अदालत ने मुकदमे में देरी और कमजोर सबूतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया।

विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहुचर्चित बिकरू कांड में आरोपित चौबेपुर के थानाध्यक्ष रहे विनय कुमार तिवारी की दूसरी जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया है। जमानत के समर्थन में कहा गया कि यह दूसरी अर्जी है।
पहली जमानत अर्जी 21 सितंबर 2021 को खारिज की गई थी। अभियुक्त आठ जुलाई 2020 से जेल में है। कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में दर्ज बिकरू कांड में 30 सितंबर 2020 को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मुकदमे की शुरुआत करने के लिए अभियोजन पक्ष ने दो से अधिक वर्षों का समय लिया।
ट्रायल में 102 अभियोजन गवाह हैं और लगभग 13 का परीक्षण किया जा चुका है। यह भी कहा गया कि विनय तिवारी के खिलाफ जांच अधिकारी ने ऐसा कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं जुटाया है, जिससे यह साबित हो कि उन्होंने विकास दुबे को पुलिस के छापे के बारे में सूचित किया था। अरविंद त्रिवेदी उर्फ गुड्डन सहित कई सह अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किया गया है।
बंदायू कोतवाली में दर्ज मामले में गिरफ्तारी पर रोक
बंदायू कोतवाली में दर्ज केस में आरोपित शशिकांत मौर्य व अन्य की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो जुलाई तक रोक लगा दी है। याचीगण के खिलाफ पहली जनवरी 2025 को एफआइआर दर्ज की गई है। याचीगण ने इसकी वैधता को चुनौती दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने दिया है। याचिका पर शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल कर याचिका की प्रति मांगी। जिस पर कोर्ट ने याची को प्रति देने का आदेश दिया और अगली सुनवाई की तिथि दो जुलाई नियत कर दी।

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