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    Chandra Grahan 2025 : चंद्र ग्रहण पर कल 5.27 घंटे प्रयागराज के मंदिर बंद, ज्योतिर्विदों ने कहा- ग्रहण में इन मंत्रों का करें जाप

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 06:43 PM (IST)

    Chandra Grahan 2025 पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले खग्रास चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए और दान देना शुभ होता है। ग्रहण का सूतक दोपहर दो बजे से शुरू हो जाएगा जिसमें खानपान वर्जित रहेगा। ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को करने और कुछ से बचने की सलाह दी गई है।

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    Chandra Grahan 2025 चंद्र ग्रहण के दौरान प्रयागराज में मंदिरों के पट बंद रहेंगे, सूतक काल, जाप का महत्व है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज।Chandra Grahan 2025 भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि पर रविवार को पितृपक्ष के शुभारंभ पर खग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है। ग्रहण 5.27 घंटा तक रहेगा। ग्रहण शतभिषा नक्षत्र तथा कुंभ राशि पर होगा। भारत के अतिरिक्त पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में इसे देखा जा सकेगा।

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    प्राचीन मां ललिता देवी मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य शिवमूरत मिश्र उर्फ राजा पंडित के अनुसार चंद्र ग्रहण का आरंभ रात 8.58 बजे और मोक्ष (समापन) 2.25 बजे होगा। इसका सूतक दोपहर दो बजे से लग जाएगा। सूतक काल में बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़ कर अन्य के लिए खानपान वर्जित बताया गया है। मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। ग्रहण समाप्त होने के बाद धुलाई करने के बाद मंदिरों का पट खुलेगा।

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    महामृत्युंजय का करें जप

    Chandra Grahan 2025 पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र और चंद्रमा का मंत्र ''ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः'' का 108-108 बार जप करना चाहिए। साथ ही आप अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। ग्रहण काल में श्राद्ध, हवन, जप और तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। ग्रहण से पहले खाने-पीने व पवित्र चीजों में तुलसी की पत्ती डालकर रखना चाहिए। इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण के बाद यथासंभव दान देना चाहिए।

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    चंद्रग्रहण पर क्या करें

    -चावल, दूध, घी, सफेद वस्त्र, चांदी आदि का दान करना शुभ होता है। इससे चंद्रदोष दूर होता है। पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

    -पितरों के निमित्त श्राद्ध, जप, हवन और तर्पण करना चाहिए।

    -धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।

    -ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए।

    -ग्रहण के बाद पूजा स्थल के साथ पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

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    चंद्रग्रहण के दिन क्या न करें

    -देवी-देवताओं की प्रतिमा को नहीं छूना चाहिए। पूजा स्थल को लाल या पीले रंग के कपड़े से ढक देना चाहिए।

    -तुलसी के पौधे, पीपल, बरगद के पेड़ को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

    -ग्रहण के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

    -ग्रहण के दौरान नुकीली वस्तुओं जैसे चाकू, सुई, कैची आदि का प्रयोग न करें।

    -गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए। नुकीली चीजों को भी गर्भवती महिलाएं न पकड़ें।

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