प्रयागराज में बाढ़ से Conjunctivitis का बढ़ा खतरा, आंखें स्वस्थ रखने को करें ये उपाय तो दूर रहेगी बीमारी, बता रहे नेत्र चिकित्सक
प्रयागराज में बाढ़ के पानी के कारण तटीय क्षेत्रों में कंजक्टिवाइटिस का खतरा बढ़ गया है। नेत्र चिकित्सकों के अनुसार लाल आंखें खुजली और सूजन के मरीज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आ रहे हैं। यह बीमारी संक्रामक है इसलिए स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। डाक्टर एसपी सिंह ने घर और बाहर स्वच्छता बनाए रखने और संक्रमित व्यक्ति के तौलिए और रूमाल का उपयोग न करने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज में गंगा-यमुना के तटीय इलाकों में बार-बार आता बाढ़ का पानी और साथ में गंदगी आंख की बीमारी कंजक्टिवाइटिस Conjunctivitis का बड़ा खतरा बन रहा है। आंख लाल होने, खुजली, जलन और सूजन के मरीज ज्यादातर उन इलाकों से ही अस्पताल में पहुंच रहे हैं जो बाढ़ प्रभावित हैं।
एक से दूसरे में फैलती है यह बीमारी
Conjunctivitis बीमारी घरों में संक्रामक यानी एक से दूसरे में इन दिनों फैलने लगी है। इस बीमारी का फैलाव ज्यादा नहीं हो, इसके लिए हमें और आपको सजग व सावधानी बरतनी पड़ेगी। अपनी हथेलियों को साफ रखना बहुत जरूरी है, ताकि आंख में किसी तरह की गंदगी नहीं जाने पाए।
अस्पतालों में नेत्र सर्जनों की ओपीडी में बढ़े मरीज
मंगलवार को नेत्र चिकित्सकों के पास कंजक्टिवाइटिस के मरीज 10-15 मिनट के समयांतर पर आते रहे। किसी की एक तो किसी की दोनों आंख सुर्ख लाल थी। कोई चश्मा लगाए तो कुछ लोग आंख को रूमाल से ढंककर पहुंचे। खुजली, जलन और दर्द ने इन्हें परेशान कर रखा था।
दो दिन में 150 मरीज
मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय से लेकर टीबी सप्रू चिकित्सालय 'बेली अस्पताल', मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय 'काल्विन' और निजी क्लीनिक में आंख के मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों के पास सोमवार को मंगलवार को करीब 150 मरीज पहुंचे।
क्या है आंखों की बीमारी Conjunctivitis
वर्तमान मौसम, नदियों में बाढ़ के चलते गंदगी का फैलाव होने से सबसे पहला दुष्प्रभाव आंख पर पड़ता है क्योंकि इसमें नसें बहुत महीन और नाजुक होती हैं। एक झिल्ली कंजक्टिवा में सूजन आ जाती है। कभी-कभी यह एलर्जी से होता है। कंजक्टिवा एक पतली पारदर्शी झिल्ली होती है। यह झिल्ली सूख जाती है तो इसे ही कंजक्टिवाइटिस कहते हैं।
आंख को बार-बार रगड़ें नहीं, खुद डाक्टर न बनें
आंख लाल हो गई है, सूजन है तो उसे बार-बार रगड़ें नहीं। स्वच्छ पानी से छींटे मार सकते हैं इससे भीतर की नसों को आराम मिलेगा। नेत्र चिकित्सक को दिखाए बिना किसी तरह का ड्राप न डालें क्योंकि इससे बीमारी ठीक होने की बजाए बढ़ सकती है।
घर में गंदगी न फैलने दें
मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ सर्जन डा. एसपी सिंह ने बताया है कि कंजक्टिवाइटिस के मरीज आने लगे हैं। बीमारी बढने के आसार हैं। सावधान रहना होगा, सबसे जरूरी है कि घर में या बाहर कहीं गंदगी न रहने दें। हथेली को साफ रखें और यदि घर में किसी को यह बीमारी हो गई है तो उसका तौलिया, रूमाल किसी अन्य को इस्तेमाल न करने दें।
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