Delhi Blast Reason: दिल्ली धमाके के पीछे प्रयागराज का कनेक्शन? शुरुआती छानबीन में सामने आई ये बात
दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके में प्रयागराज का कनेक्शन सामने आ रहा है। करेली के कुछ युवकों पर शक है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां उनकी जांच कर रही हैं। पहले भी करेली से आतंकियों के तार जुड़े रहे हैं, जिससे इलाके में सतर्कता बरती जा रही है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके में प्रयागराज का कनेक्शन सामने आ रहा है। शुरुआती छानबीन के आधार पर करेली में रहने वाले कुछ युवकों की भूमिका संदिग्ध होने के प्राथमिक इनपुट मिले हैं। धमाके में जिनकी संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है, वह युवक उच्च शिक्षा लेने की बात कहकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश गए हैं। उनका नाम सुरक्षा एजेंसियों की वाचलिस्ट में शामिल होने की बात जा रही है।
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि संदिग्ध युवक किस संगठन के लिए स्लीपिंग माड्यूल के तहत काम कर रहे थे। फिलहाल इसकी भनक लगने पर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने स्तर पर विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं। प्रयागराज जिला हाई अलर्ट पर है। माफिया रहे अतीक के गढ़ करेली क्षेत्र में अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए संदिग्ध लोगों की चेकिंग की जा रही है।
सोमवार शाम दिल्ली में कार के भीतर धमाका हुआ, जिसकी चपेट में आने से 11 की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। आतंकी हमले की आशंका पर सुरक्षा, खुफिया एजेंसी से लेकर देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले विभाग के अधिकारियों ने छानबीन शुरू की। धमाके में विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल हुआ है। सूत्रों का कहना है कि धमाके की जांच आगे बढ़ी तो प्रयागराज के तार जुड़ने लगे।
कहा गया है कि करेली क्षेत्र में रहने वाले कुछ युवक अस्थायी तौर पर पश्चिमी यूपी में रहते हैं। वह यहां से उच्च शिक्षा लेने की बात कहकर गए हैं। संदिग्ध युवकों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट की तफ्तीश चल रही है। बताया गया है कि जांच एजेंसियों को कुछ ऐसे तथ्य मिल रहे हैं, जिसके आधार पर करेली के युवकों की संलिप्तता को लेकर विश्लेषण किया जा रहा है। जांच आगे बढ़ने पर कुछ और स्पष्टता आने की बात कही जा रही है।
करेली से पहले भी गिरफ्तार हुआ था आतंकी-
तीन साल पहले करेली निवासी आतंकी मोहम्मद जीशान और उसके चाचा को हुमेदुर रहमा को दिल्ली की स्पेशल सेल, आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए पकड़ा था। जीशान ने पाकिस्तान में उस जगह ट्रेनिंग ली थी, जहां आतंकी कसाब को मिली थी। वहां उसे बम बनाने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था।
ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया और नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था। पाकिस्तान की पिस्टल सहित अन्य हथियार बरामद किए गए थे। वह आनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। ऐसे में दिल्ली धमाके से एक बार फिर करेली के तार जुड़ने को बल मिल रहा है।
मोदी की रैली में धमाके के तार जुड़े थे-
वर्ष 2013 में पटना में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी की जनसभा में धमाका हुआ था, जिसके तार संगमनगरी से जुड़े थे। एनआइए ने यमुनापार के दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा था, जिनसे पूछताछ में पता चला था कि धमाके के लिए इस्तेमाल होने वाली जिलेटिन की छड़ चौक से खरीदी गई थी।
आतंकी वलीउल्ला भी दबोचा गया था-
मार्च 2006 में वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में सीरियल बम धमाकों के बाद एसटीएफ ने प्रयागराज में फूलपुर के वलीउल्लाह को गिरफ्तार कर उसे मास्टर माइंड बताया था। फूलपुर में वलीउल्लाह के ही ठिकाने पर आतंकियों ने कुकर बम तैयार करने के बाद वाराणसी में ब्लास्ट किए थे। तब वलीउल्लाह समेत कई आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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