UP News: जनसुनवाई में प्रयागराज के DM ने तहसीलदारों को फटकार, बोले- '30 तक नहीं हटा कब्जा तो हटा दिए जाओगे'
प्रयागराज में डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने जनसुनवाई में अवैध कब्जे की शिकायतों पर तहसीलदारों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने चिल्ला के प्रधान का फ्रीज खाता शुरू कराने पर नाराजगी जताई और डीपीआरओ को जांच के आदेश दिए। भूमिहीन महिलाओं ने डीएम की कार घेरकर पट्टे की मांग की। डीएम ने एक महिला चिकित्सक को 55 मरीजों का इलाज करने के बाद नर्सिंग होम खोलने की अनुमति दी।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में शुक्रवार को विशेष जनसुनवाई में डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने जमीन पर अवैध कब्जा के मामलों में करछना, फूलपुर, सोरांव, हंडिया, बारा, मेजा और कोरांव के तहसीलदारों को कड़े निर्देश दिए कि 30 जून तक सभी प्रकरणों का निराकरण हो जाना चाहिए, वरना पद से हटा दिए जाएंगे।
शुक्रवार को दोपहर लगभग 11 बजे शुरू जनसुनवाई में भारी भीड़ उमड़ी। दिन भर 387 शिकायतें सुनीं गईं। इसमें 168 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण करा दिया गया। जमीन पर कब्जा की सबसे ज्यादा शिकायतें आईं, जिसमें सभी तहसीलों के तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई।
चिल्ला के प्रधान के जेल से छूटते ही उसका फ्रीज किया गया खाता फौरन शुरू करा दिए जाने के मामले में डीएम ने नाराजगी जताई। वर्ष 2008 में लेखपाल रिश्वत में फंसे थे। सेवानिवृत्त होने के बाद वह प्रधान हो गए। जब प्रधान हुए तो रिश्वत के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा।
लगभग 14 माह तक वह जेल में रहे, जिसके कारण उनका खाता फ्रीज करा दिया गया था। रिहा होने के बाद जैसे ही वह छूटे तो उनके खाते का संचालन शुरू करा दिया गया। इस मामले में डीपीआरओ को जांच के निर्देश दिए गए। इसी तरह खानपुर डांडों के लेखपाल की शिकायत पर शिकायतकर्ता से डीएम ने फोन लगवाया।
तीन बार फोन करने पर भी लेखपाल ने फोन नहीं रिसीव किया। फिर डीएम ने अपने सीयूजी नंबर से काल कराया तो लेखपाल ने पहली घंटी पर ही काल रिसीव कर लिया। डीएम ने लेखपाल को कड़ी चेतावनी दी।
डीएम की कार घेरकर भूमिहीनों ने पट्टे की लगाई गुहार
यमुनापार के विभिन्न गांवों से शुक्रवार दोपहर कलेक्ट्रेट आईं भूमिहीन महिलाओं ने डीएम की कार को घेर कर प्रदर्शन किया। डीएम जनसुनवाई से बाहर निकलें तो उनसे वार्ता की।
डा.अंबेडकर वेलफेयर नेटवर्क के संस्थापक रामबृज गौतम के नेतृत्व में आईं महिला व पुरुषों द्वारा मांग की गई कि गांवों में सरकारी भूमि पर हुए कब्जे को अभियान चलाकर मुक्त कराया जाए और फिर भूमिहीनों को आवंटित की जाए। करछना के 37, बारा के 17 गांवों की महिलाएं व पुरुष प्रदर्शन में शामिल हुए। ये महिलाएं-पुरुष 25 जून को मुख्यमंत्री कार्यालय जाने वाले थे, जिन्हें पुलिस व प्रशासन ने रोक लिया था।
डॉक्टर ने 55 मरीजों का किया इलाज, अस्पताल खोलने के निर्देश
करछना सीएचसी में संविदा महिला चिकित्सक ने डीएम के निर्देश पर 55 मरीजों का इलाज किया, जिसके बाद डीएम ने उनका नर्सिंग होम खुलवाने के निर्देश दिए। दरअसल, महिला चिकित्सक सीएचसी में नहीं जाती थीं और लगभग डेढ़ लाख रुपये वेतन ले रही थीं। वह अंदावा स्थित अपने नर्सिंग होम में बैठती थीं।
इस पर पिछले दिनों डीएम ने उनका वेतन रोका और नर्सिंग होम को सील करा दिया। कहा कि एसआरएन अस्पताल के 50 गंभीर रोगियों का इलाज करेंगी तो ही उनका नर्सिंग होम संचालित होगा। इस दौरान महिला चिकित्सक ने 55 मरीजों का इलाज किया, जिसकी सूची के साथ वीडियो व फोटोग्राफ भी दिखाया।

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