अतीक के बेटे अली को जेल ले जाने वाले इंस्पेक्टर पर गिरी गाज, नियम के उल्लंघन पर हुई कार्रवाई
प्रयागराज में, माफिया अतीक के बेटे अली अहमद को नैनी जेल से झांसी जेल ले जाने वाले इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई नियमों के उल्लंघन के चलते हुई है, जिसमें अली द्वारा मीडिया में बयान देने और सुरक्षा में चूक शामिल है। इंस्पेक्टर के साथ गए अन्य पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। अली पर रंगदारी और हत्या की धमकी जैसे कई मामले दर्ज हैं।

माफिया अतीक का बेटा अली अहमद, जिसे पिछले दिनों प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। माफिया अतीक के बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल ले जाने वाले इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। इंस्पेक्टर पर नियम का उल्लंघन करने पर निलंबन की कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच बैठाई गई है।
अली ने मीडिया को बयान दे सीएम से लगाई थी गुहार
कहा गया है कि अभिरक्षा के दौरान अली अहमद ने मीडिया को बयान देते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी कि अब न सताया जाए। इसे नियम का उल्लंघन और सुरक्षा में चूक मानते हुए कार्रवाई की गई है। इंस्पेक्टर के साथ गए दो दारोगा और पांच हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल का भी बयान अंकित किया जाएगा।
नैनी सेंट्रल जेल से 1 अक्टूबर को शिफ्ट किया गया था झांसी जेल
नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध रहे बंदी अली अहमद को एक अक्टूबर 2025 को झांसी जेल में शिफ्ट किया गया था। जेल बदलने के दौरान पुलिस लाइन से आठ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी, जिसे इंस्पेक्टर अशोक कुमार लीड कर रहे थे।
इंस्पेक्टर अशोक कुमार के खिलाफ बैठाई गई विभागीय जांच
झांसी पहुंचने पर अली ने पुलिस की मौजूदगी मीडिया से बातचीत करते हुए कई बात कही थी। इसके बाद झांसी जेल के भीतर अली की तलाशी का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नियम का उल्लंघन होने पर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित करते हुए विभागीय जांच बैठाई गई है।
अली पर 5 करोड़ रुपये रंगदारी, हत्या की धमकी का दर्ज है केस
चकिया निवासी एक प्रापर्टी डीलर ने अली अहमद और उसके साथियों पर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसी मुकदमे में 30 जुलाई 2022 को अली ने कोर्ट में सरेंडर किया था, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था।
उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनर की हत्या का भी आरोप
इसी दौरान प्रदेश के चर्चित उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की हत्या के मामले में भी अली को आरोपित बनाया गया था। नैनी सेंट्रल जेल में अली से मिलने के लिए एक वकील गया था। उसके अगले दिन 17 जून 2025 को डीआइजी जेल राजेश श्रीवास्तव ने बैरक में छापेमारी करते हुए बंदी अली के पास से 1100 रुपये नकद बरामद किए थे।
अली से भाई आबान जेल पहुंच कई बार मुलाकात की थी
इस मामले में लापरवाही मिलने पर डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही अली के बैरक की निगरानी और बढ़ा दी गई थी। हालांकि अली से उसका सबसे छोटा भाई आबान जेल पहुंचकर कई बार मुलाकात की थी। करीब 10 दिन पहले अली को 38 महीने पर नैनी सेंट्रल जेल से हटाकर झांसी जेल भेजा गया था।
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