'कवच' ट्रेनिंग से स्टेशन मास्टर और ट्रेन मैनेजर बनेंगे सक्षम, बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को भेजा पत्र
उत्तर मध्य रेलवे समेत देशभर में 'कवच' प्रणाली के इंस्टालेशन के बीच, रेलवे बोर्ड ने स्टेशन मास्टरों और ट्रेन मैनेजरों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने प्रगति रिपोर्ट मांगी है और प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर जोर दिया है। कर्मचारियों का मूल्यांकन होगा और कमजोर प्रदर्शन करने वालों को अतिरिक्त मार्गदर्शन मिलेगा। 'कवच' एक स्वदेशी तकनीक है जो रेल दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है, जिससे यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा। पलवल-मथुरा खंड पर कवच 4.0 अक्टूबर 2025 में स्थापित होगा।

अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे समेत देशभर में कवच इंस्टालेशन की तैयारियों के बीच रेलवे बोर्ड ने सभी ज़ोनल रेलवे को देशभर के स्टेशन मास्टरों और ट्रेन मैनेजरों (पूर्व में गार्ड) के लिए स्वदेशी ''''कवच'''' स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली की अनिवार्य ट्रेनिंग शुरू करने का निर्देश दिया है।
बोर्ड ने इसकी प्रगति पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है, ताकि इस प्रणाली का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे के जीएम नरेश पाल सिंह समेत सभी जोनल रेलवे को बोर्ड ने पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि केवल ट्रेनिंग देना पर्याप्त नहीं, इसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देना होगा।
इसके लिए जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेडआरटीआइ) में प्रशिक्षण के बाद कर्मचारियों का आब्जेक्टिव टेस्ट होगा। टेस्ट में प्राप्त अंकों के आधार पर कर्मचारियों को 80% से अधिक, 60-80%, और 60% से कम की ग्रेडिंग दी जाएगी। जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन कमजोर होगा, उन्हें अतिरिक्त मार्गदर्शन दिया जाएगा।
साथ ही, प्रशिक्षुओं से फीडबैक लेकर ट्रेनिंग माड्यूल को और बेहतर बनाया जाएगा। ''''कवच'''' एक अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक है, जो सिग्नल उल्लंघन, गति नियंत्रण और विशेष रूप से ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर को रोकने में सक्षम है।
रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे से ट्रेनिंग की जरूरत वाले कर्मचारियों की संख्या, अब तक प्रशिक्षित कर्मचारियों का विवरण और बाकी कर्मचारियों के लिए लक्षित समयसीमा के साथ कार्य योजना मांगी है।
सीपीआआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि ''''कवच'''' प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन से न केवल रेल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि यात्रियों का भरोसा भी बढ़ेगा। भारतीय रेलवे का यह प्रयास न सिर्फ तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि सुरक्षित यात्रा के लिए एक नया अध्याय भी लिखेगा।
इसी महीने पलवल-मथुरा खंड पर काम करेगा कवच
उत्तर मध्य रेलवे के 3282 रूट किलोमीटर पर मिशन रफ्तार के तहत कवच प्रणाली की स्थापना स्वीकृत है। पलवल-मथुरा खंड पर कवच 4.0, नवीनतम संस्करण, अक्टूबर 2025 में स्थापित होगा। गाजियाबाद-पंडित दीनदयाल उपाध्याय खंड में क्रमिक कार्य नवंबर 2025 से शुरू होकर मार्च 2026 तक पूरा होगा, जिसमें टूंडला-गाजियाबाद, कानपुर-प्रयागराज, टूंडला-कानपुर और प्रयागराज-दीनदयाल उपाध्याय शामिल हैं।
साथ ही, 160 किमी/घंटा की गति के लिए विद्युत विभाग द्वारा 2X25 ओएचई मोडिफिकेशन कार्य फरवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिससे रेल संरक्षा और गति में सुधार होगा।
- 309.26 करोड़ रुपये से एनसीआर के 790 रूट किमी पर कवच लग रहा है
- 06 वर्षों में सभी प्रमुख मार्गों पर लग जाएगा ‘कवच 4.0’
- 14 रेलखंडों यथा उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज, आगरा और झांसी मंडलों में लागू होगी यह प्रणाली
- 30 हजार से अधिक रेल कर्मचारियों को इस प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।ं
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