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    Maha Kumbh 2025: शंकर महादेवन के ''चलो कुंभ चलें'' गीत पर झूम उठे संगीत प्रेमी, मैथिली ने भी जमाया रंग

    Updated: Fri, 17 Jan 2025 02:30 PM (IST)

    Maha Kumbh 2025 में संगीत और संस्कृति प्रेमियों को फिल्मों के सुविख्यात गायक शंकर महादेवन के सुमधुर गीतों ने आनंदित किया। उन्होंने गणेश वंदना से शुरुआत कर भक्तिमय गीत प्रस्तुत किया और समापन शिव तांडव स्त्रोत से किया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शंकर महादेवन ने चलो कुंभ चलें गीत गाकर देश दुनिया को महाकुंभ की महिमा बताई

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    Maha Kumbh 2025 के गंगा पंडाल में प्रस्तुति देते पार्श्व गायक शंकर महादेवन । जागरण

    जागरण संवाददता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025 संगीत और संस्कृति प्रेमियों को जब फिल्मों के सुविख्यात गायक मिल जाएं तो खिल उठते हैं मनोभाव। अवसर महाकुंभ जैसे आयोजन का हो तो बात कुछ खास हो जाती है। संस्कृति विभाग के गंगा पंडाल में गुरुवार को हिंदी सिनेमा के पार्श्व गायक और संगीतकार शंकर महादेवन के सुमधुर गीतों ने श्रोताओं को आनंदित कर दिया।

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    गणेश वंदना से शुरुआत कर उन्होंने भक्तिमय गीत प्रस्तुत किया और समापन शिव तांडव स्त्रोत से किया। महाकुंभ की आभा देश दुनिया में फैलने की चर्चा करते हुए शंकर महादेवन ने इसे अद्भुत बताया। अपने जीवन का इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धर्म के प्रति सकारात्मक सोच से यह संभव हो पाया है।

    उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने शंकर महादेवन के गीतों और देश के प्रति उनके समर्पण भाव की प्रशंसा की। साथ ही प्रदेश सरकार के द्वारा मेले को दिव्य भव्य बनाने के प्रयासों की जानकारी दी। इसके बाद शंकर महादेवन ने अपने गीतों से पंडाल में सुर सरिता बहाई।

    कार्यक्रम "संस्कृति का संगम" में शंकर महादेवन ने ''''चलो कुंभ चलें'''' गीत गाकर देश दुनिया को महाकुंभ की महिमा बताई और इसमें शामिल होकर पुण्यलाभ पाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में महापौर गणेश केसरवानी, विधायक पूजा पाल समेत अन्य अतिथि शामिल हुए।

    Maha Kumbh 2025 महाकुंभनगर के गंगा पंडाल में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करते उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य साथ में पार्श्व गायक शंकर महादेवन व अन्य। जागरण


    महाकुंभ का हिस्सा बनने पर बताया भाग्यशाली

    शंकर महादेवन ने स्वयं को भाग्यशाली बताते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से उन्हें यह अवसर मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया।

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    बहेगी संगीत और कला की दिव्य धारा

    गंगा पंडाल में 24 फरवरी तक प्रतिदिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। देश के प्रतिष्ठित गायक, संगीतकार और नृत्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। आगामी दिनों में गायक कैलाश खेर, कविता सेठ, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति समेत कई अन्य कलाकार आएंगे।

    आस्था, संस्कृति और परंपरा का महासंगम

    आस्था और बिजली की आकर्षक छटा से जगमगाते महाकुंभ में भारतीय कला, संस्कृति के भव्य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मच गई है। गीत, संगीत और नृत्य के महासंगम में शास्त्रीय नृत्य और नाट्य कलाएं भी होंगी जो श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था की अद्भुत अनुभूति कराएगी।

    ''राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द बबुआ''

    ''सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं''....''राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द बबुआ''। सुविख्यात लोक गायिका मैथिली ठाकुर के इन गीतों ने गुरुवार को एनसीजेडसीसी ''उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र'' के कला ग्राम में सुरों की गंगा बहाई।

    Maha Kumbh 2025 महाकुंभनगर के सेक्टर-6 स्थित कलाग्राम पंडाल में प्रस्तुति देती लोकगायिका मैथिली ठाकुर। सौजन्य-आयोजक


    मंच पर उनके आते ही श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट कर जोरदार स्वागत किया। भजन, सूफी गीत और लोक गीत की मैथिली ठाकुर ने झड़ी लगाई। अपने कई चर्चित गीत सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। कला ग्राम में सांस्कृतिक महाकुंभ लगा है। विभिन्न राज्यों के कलाकार अपने यहां की लोक संस्कृति की झलक दिखा रहे हैं। गुरुवार का दिन मैथिली ठाकुर के नाम था।

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    ''छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलायके'' '' श्याम आन बसो वृन्दावन में, मेरी उमर बीत गई गोकुल में, कभी राम बनके कभी श्याम बनके'', गाकर पूरे पंडाल को भक्तिमय कर दिया। श्रोताओं की मांग पर उन्होंने मेरी झोपड़ी के भाग खुल जाएंगे, राम आएंगे। सुनाया।

    श्रोताओं के अभिवादन के बाद मैथिली ने रामा रामा रटते, बीती रे उमरिया'''' गीत गाया। ''''डम-डम डमरू बजावे ला हमार जोगिया'''' पर श्रोताओं ने तालियों से गायिका का साथ दिया। इससे पहले मध्य प्रदेश से आए प्रहलाद कुर्मी ने राई नृत्य, सुभाष देवराणी ने गढ़वाल के नृत्य, भद्दू सिंह एवं दल ने बैगा, परधौनी नृत्य की प्रस्तुति दी।