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    Pitru Paksha 2025 : इस बार पितृपक्ष में पंचमी और षष्ठी का श्राद्ध एक ही दिन, देखें कौन तिथि किस दिन होगी

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:55 PM (IST)

    Pitru Paksha 2025 पितृपक्ष पर्व भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन अमावस्या तक चलेगा। इस दौरान पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाएगी। सात सितंबर को महालया का आरंभ होगा और मातृकुल के पितरों का तर्पण किया जाएगा। 21 सितंबर को पितृ विसर्जन होगा। सात सितंबर को चंद्रग्रहण भी लगेगा।

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    Pitru Paksha 2025 प्रयागराज के ज्योतिर्विदों ने बताई महालय प्रारंभ की और श्राद्ध तिथि कब है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Pitru Paksha 2025 पितरों (पूर्वजों) के प्रति श्रद्धा, समर्पण व्यक्त करने का पर्व पितृपक्ष भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से आरंभ होगा। पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने, उनकी पूजा-आराधना और तर्पण-अर्पण के विधान सात सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा तिथि के श्राद्ध से आरंभ होगा। इस दिन मातृकुल के पितरों नाना-नानी आदि का तर्पण करने का विधान है। पितृपक्ष का विधिवत आरंभ आश्विन कृष्ण प्रतिपदा आठ सितंबर से होगा। इस दिन प्रतिपदा का श्राद्ध किया जाएगा।

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    ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि सनातन संस्कृति में पितरों को समर्पित यह पक्ष 21 सितंबर आश्विन अमावस्या तक रहेगा, उसी दिन पितृ विसर्जन किया जाएगा। 22 सितंबर को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से मां आदिशक्ति की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र आरंभ हो जाएगा। महालया का आरंभ भाद्र शुक्ल पूर्णिमा से होता है। यह आश्विन अमावस्या तक रहता है। जिस दिन पूर्णिमा उदया तिथि में होती है, उसी दिन महालया का आरंभ होता है।

    ... इसलिए 12 सितंबर को पंचमी व षष्टी तिथि का होगा श्राद्ध

    Pitru Paksha 2025 इस बार उदया तिथि में पूर्णिमा सात सितंबर को है, इसलिए महालयारंभ भी उसी दिन से होगा। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि 12 सितंबर की दोपहर 1.20 बजे तक पंचमी है। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी। 13 सितंबर की सुबह 11.04 बजे तक ही षष्ठी रहेगी। पिंडदान, तर्पण में दोपहर 12 से दो बजे तक तिथि होना अनिवार्य है। ऐसे में 12 सितंबर को पंचमी व षष्ठी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।

    चंद्रग्रहण सात सितंबर को

    Pitru Paksha 2025 पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा छह सितंबर की आधी रात के बाद 12.57 बजे से लग जाएगी जो सात सितंबर की रात 11.47 बजे तक रहेगी। श्राद्ध की पूर्णिमा सात सितंबर को होगी। इसमें अपने मातृकुल के पितरों का श्राद्ध तर्पण-अर्पण किया जाएगा। इसी रात में खग्रास चंद्रग्रहण भी होगा जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में दृश्यमान होगा। चंद्रग्रहण रात में 9:52 बजे से आरंभ होकर 1:27 बजे तक रहेगा। चंद्रग्रहण का मोक्ष होते ही आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। अत: प्रतिपदा का श्राद्ध आठ सितंबर को होगा।

    पितृपक्ष की खास तिथियां

    -सात सितंबर को पूर्णिमा तिथि।

    -12 सितंबर को पंचमी व षष्ठी का श्राद्ध।

    -15 सितंबर को मातृ नवमी में माताओं का श्राद्ध। 

    -18 सितंबर को द्वादशी तिथि में संन्यासियों का श्राद्ध। 

    -20 सितंबर को चतुर्दशी तिथि में दुर्घटना या शस्त्र से मृतकों का श्राद्ध।