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    प्रयागराज के लोकनाथ में राजन की मशहूर पापड़ी-चाट... कुछ तीखी कुछ मसालेदार, अगर आप भी शौकीन हैं तो एक बार स्वाद जरूर लें

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 04:30 PM (IST)

    प्रयागराज के लोकनाथ में राजन की पापड़ी-चाट अपनी अनूठी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। हरी धनिया और विशेष मसालों के साथ, यह चाट लोगों को खूब पसंद आती है। 40 साल पहले मक्खन बाबा ने इसकी शुरुआत की थी, जिसे अब राजन तिवारी 17 साल से संभाल रहे हैं। ग्राहक दूर-दूर से इसके स्वाद के लिए आते हैं, और कई तो घर के लिए भी पैक कराकर ले जाते हैं।

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    प्रयागराज के लोकनाथ स्थित झंडा चौराहे पर राजन की मशहूर पापड़ी-चाट का निराला है स्वाद। जागरण

    अमरदीप भट्ट, प्रयगाराज। चटपटे आइटम खाने के शौकीनों को कुछ तीखा, कुछ मसालेदार मिल जाए तो क्या कहने। अगर बात पापड़ी-चाट की हो तो क्या क्हना। नाम सुनकर ही मुंह में पानी आने लगता है। एक बार स्वाद मिलने पर कुछ खास दुकान पर लोग खुद ब खुद खिंचे चले आते हैं।

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    मसाला, दही, आलू-मटर व हरी धनिया से स्वाद बढ़ता है

    पापड़ी-चाट का कुछ ऐसा ही स्वाद शहर के लोकनाथ मुहल्ले में झंडा तिराहा पर राजन तिवारी के स्टाल पर है। राजन शिद्दत से ग्राहकों को पापड़ी चाट परोसते हैं। पापड़ी-चाट वैसे तो शहर में कई जगह मिल जाती है लेकिन लोकनाथ में हरी धनिया डालकर जिस तरह पापड़ी को स्वरूप राजन देते हैं, वह अनूठा है। पापड़ी को पहले चटनी में डुबोते हैं। इसके बाद उस पर आलू, मटर, मसाला, दही और हरी धनिया डालकर ग्राहक को दिया जाता है।

    पिता के व्यवसाय को 17 वर्ष से संभाल रहे राजन 

    खास बात यह है कि राजन के पिता मक्खन बाबा ने 40 साल पहले इसे बनाने की शुरुआत की थी। 17 साल से राजन स्वयं जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। लोकनाथ, अतरसुइया, चौक, जानसेनगंज, घंटाघर और सिविल लाइंस से भी तमाम ग्राहकों की यह पसंद है। दही में मीठापन रहता है, मसाले कहीं बाहर से न खरीदकर राजन अपने घर में ही पीसते हैं। मसालों का अनुपात ऐसा रखा जाता है जो सेहत के लिए भी फायदेमंद रहे। वैसे तो दुकान पर दही बड़े, टमाटर चाट और धनिया वाले आलू भी बिकते हैं लेकिन पापड़ी चाट की मांग इनके यहां सबसे अधिक होती है।

    चूरा बचे तो ग्राहक कहते हैं दे दीजिए...

    वैसे तो देर शाम तक पापड़ी खूब रहती है, रात आठ बजे के बाद जब दुकान में तमाम खाद्य सामग्री खत्म होने लगती है तो पापड़ी का चूरा ही बचता है। कई ग्राहक तो ऐसे होते हैं जो चूरा से ही पापड़ी चाट बनाकर मांगते हैं। राजन कहते हैं कि यह ग्राहकों का स्नेह है, उनका काम तो बस विश्वास को बनाए रखना है। लोग आते हैं तो इसी आइटम को मांगते हैं, तमाम ग्राहक तो इसे घर परिवार के लिए पैक कराकर ले जाते हैं। बताया कि चटनी इमली की रहती है और काला नमक, भूंज कर पीसे गए जीरे से पापड़ी चाट का स्वाद बढ़ जाता है।

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