Magh Mela 2026 : प्रयागराज में 2 माह में 5 बार आई बाढ़ से माघ मेला की तैयारी पर संकट के बादल, इस बार 15 दिन पूर्व शुरू होगा मेला
Magh Mela 2026 प्रयागराज में गंगा और यमुना में दो महीने में पांच बार बाढ़ आने से शहर से गांव तक के लोग प्रभावित हुए हैं। इससे माघ मेला की तैयारियां भी प्रभावित हो सकती हैं जो 3 जनवरी 2026 से शुरू होना है। यदि सितंबर के अंत तक तैयारी शुरू नहीं हुई तो मेला समय पर शुरू नहीं हो पाएगा।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Magh Mela 2026 इस बार गंगा और यमुना में बाढ़ की विभीषिका से तटीय क्षेत्रों के लोग हैरान-परेशान हो गए हैं। दो माह में पांच बार बाढ़ आने से शहर से लेकर गांव तक के लोग हलकान हुए हैं। सबसे महत्वपूर्ण माघ मेला की तैयारियों के भी प्रभावित होने की आशंका है।
तीन फरवरी 2026 को पौष पूर्णिमा से माघ मेला का आरंभ होगा
इस बार माघ मेला का श्रीगणेश लगभग 15 दिन पहले शुरू होगा। पौष पूर्णिमा तीन जनवरी 2026 से माघ मेला शुरू होगा। ऐसे में सितंबर के अंतिम से मेला की तैयारी नहीं शुरू होगी तो समय पर तैयारियां पूरी नहीं हो सकेंगी और फिर मेला पिछड़ सकता है। इस बार भी माघ मेला छह सेक्टर में बसाया जाएगा। गंगा पर सात पांटून बनाए जाएंगे।
बाढ़ का पानी हटने के बाद मेला क्षेत्र सूखने में एक माह लगेगा
जुलाई के दूसरे सप्ताह में पहली बार बाढ़ आई थी। अब सितंबर के पहले हफ्ते में पांचवी बार बाढ़ के चलते मेला क्षेत्र डूब गया है। बताते हैं कि 10 दिन पानी उतरने में लगेगा, जिसके बाद मेला क्षेत्र के सूखने में कम से कम एक माह लगेगा, जिसके बाद ही मेला की तैयारी शुरू हो सकेगी। गंगा और यमुना इस वर्ष खतरे का निशान दूसरी बार भी पार कर सकती है।
एक बार खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं गंगा-यमुना
इस साल दोनों नदियों में पांच बार बाढ़ आई, जिसमें एक बार तो दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर चली गई थीं, जिससे 200 से ज्यादा गांव और 60 से ज्यादा मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए थे। ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे, जिसमें 16 शरणालयों में 15 हजार से बाढ़ पीड़ितों ने शरण लिया था। अब फिर दोनों नदियों का तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है।
आज सुबह दोनों नदियों का कितना था जलस्तर
शनिवार सुबह गंगा का जलस्तर 82.08 मीटर तो यमुना 82.03 मीटर हो गया। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली व बुंदेलखंड में बारिश के चलते वहां की कई नदियों का पानी यमुना में आ रहा है। इसी तरह उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरसात के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। दोनों नदियों में 11 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है।
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