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    प्रयागराज में दो पूर्व प्रधान के रायफल व बंदूक के लाइसेंस निरस्त, कहां के हैं प्रधान, DM न्यायालय ने क्यों की कार्रवाई?

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:46 PM (IST)

    प्रयागराज में जिलाधिकारी न्यायालय ने दो पूर्व प्रधानों समेत तीन लोगों के शस्त्र लाइसेंस आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के चलते निरस्त कर दिए हैं। कौंधियारा के पूर्व प्रधान कालिका प्रसाद तिवारी पर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा करने का आरोप है, जबकि खीरी के पूर्व प्रधान जमुना प्रसाद यादव पर लाइसेंसी बंदूक से जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। करछना के इंद्रपाल यादव पर लाइसेंस की फर्जी कॉपी से सुरक्षा गार्ड बनने का आरोप है।

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    प्रयागराज के दो पूर्व प्रधान के शस्त्र लाइसेंस आपराधिक मुकदमों के चलते रद कर दिए गए हैं। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के चलते न्यायालय जिलाधिकारी ने दो पूर्व प्रधान समेत तीन लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए। इनमें एक रिवाल्वर, एक रायफल व एक सिंगल बैरल बंदूक का लाइसेंस शामिल है। दोनों पूर्व प्रधानों के असलहे कौंधियारा व खीरी थाने में जब्त हैं। एक शस्त्र मुंबई में रेलवे पुलिस ठाणे के पास जमा है। लगभग एक माह पहले तीन तथा चार माह पहले भी जिलाधिकारी कोर्ट से पांच शस्त्र लाइसेंस निरस्त हुए थे।

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    इन पूर्व प्रधान पर यह है आरोप

    कौंधियारा थाना क्षेत्र के गड़ैया खुर्द के पूर्व प्रधान कालिका प्रसाद तिवारी पुत्र राम आसरे तिवारी पर वर्ष 2005 में ग्राम सभा की तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा करने को लेकर कौंधियारा थाने में लेखपाल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। वर्ष 2021 में तत्कालीन एसएसपी की आख्या रिपोर्ट कालिका के रायफल के लाइसेंस को निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी न्यायालय में वाद शुरू हुआ। 

    ये पूर्व प्रधान ने बंदूक से जान से मारने की दी थी धमकी

    इसी तरह खीरी थाना क्षेत्र के टौंगा खुर्द के पूर्व प्रधान जमुना प्रसाद यादव पुत्र परमानंद यादव के खिलाफ वर्ष 2018 में मारपीट के दौरान लाइसेंसी सिंगल बैरल बंदूक से जान से मारने की धमकी की एफआइआर दर्ज कराई गई थी। वर्ष 2018 में ही तत्कालीन एसएसपी ने लाइसेंस निरस्त करने की आख्या भेजी दी, जिसके आधार पर डीएम कोर्ट में इसका वाद चला।

    करछना के इंद्रपाल पर केस दर्ज हुआ था  

    करछना के बरदहा गांव निवासी इंद्रपाल यादव पुत्र सीताराम यादव के खिलाफ रेलवे पुलिस ठाणे, मुंबई ने वर्ष 2013 में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस पर रेलवे पुलिस ठाणे ने तत्कालीन एसएसपी को इससे संबंधित रिपोर्ट भेजी थी। तब एसएसपी ने इंद्रपाल के रिवाल्वर का लाइसेंस निरस्त करने की आख्या रिपोर्ट डीएम न्यायालय को प्रेषित किया था। 

    लाइसेंस की फर्जी कापी से मुंबई में बना सुरक्षा गार्ड

    करछना के बरदहा निवासी इंद्रपाल पर आरोप है कि उसने लाइसेंसी रिवाल्वर का खुद ही फर्जी नवीनीकरण कर लिया, जिसके आधार पर वह सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। ट्रेन में यात्रा के दौरान रेलवे पुलिस ठाणे ने पकड़ा तो लाइसेंस में गड़बड़ी की आशंका हुई, जिस पर फोरेंसिक जांच कराई गई। फोरेंसिक जांच में पता चला कि लाइसेंस की मूल कापी के स्थान पर फर्जी लाइसेंस कापी बनाकर शस्त्र का दुरुपयोग किया गया।