प्रयागराज में शास्त्री पुल पर भीषण जाम ने लील ली दो जिंदगी, वाहन में फंसी गर्भवती महिला और अजन्मे बच्चे की मौत
प्रयागराज में शास्त्री पुल पर मंगलवार को भीषण जाम लग गया, जिससे वाराणसी जा रही एक गर्भवती महिला की वाहन में ही मौत हो गई। सरायइनायत के बनी गांव की रहने वाली 25 वर्षीय सीमा वर्मा को सीएचसी से शहर रेफर किया गया था, लेकिन जाम में फंसने के कारण उनकी और उनके अजन्मे बच्चे की जान चली गई। दो वाहनों की टक्कर के बाद पुल पर जाम लग गया था।

प्रयागराज के शास्त्री पुल पर लगा भीषण जाम, इसमें फंसकर गर्भवती महिला व अजन्मे बच्चे की मौत हुई। जागरण
संसू, झूंंसी (प्रयागराज)। यूं तो जाम की समस्या प्रयागराज में नई नहीं है, लेकिन जब जाम जिंदगी छीन ले तो पीड़ा छलक उठती है। कुछ ऐसा ही मंगलवार दोपहर हुआ। प्रयागराज-वाराणसी मार्ग को जोड़ने वाले शास्त्री पुल पर भीषण जाम लग गया। इस जाम में वह वाहन भी फंस गया, जिसमें एक गर्भवती महिला सवार थी। निकलने की जगह नहीं मिली और करुण क्रंदन के साथ महिला की चीख थम गई। साथ ही उसके पेट में दुनिया देखने को आतुर अजन्मा बच्चे की भी मौत हो गई।
प्रयागराज-वाराणसी लेन पर दो वाहनों की टक्कर से लगा जाम
शास्त्री पुल के प्रयागराज-वाराणसी लेन पर मंगलवार सुबह इनोवा और बोलेरो वाहनों में टक्कर हो जाने से गाड़ियां क्षतिग्रस्त होकर बीच पर खड़ी हो गईं। इससे जिससे जाम लग गया। वहीं दूसरे लेन से लोगों ने निकलना शुरू किया।
दो घंटे लगा रहा भीषण जाम
इस दौरान पहले निकालने की आपाधापी में आड़े-तिरछे वाहन होने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। दूसरे लेन पर भी यही हाल था। इस कारण शास्त्री पुल से झूंसी पुलिस बूथ तथा शहर की ओर अलोपीबाग तक जाम लग गया। इसकी सूचना पुलिस को काफी देर बाद मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों वाहनों को किसी तरह हटवाया, तब जाकर दो घंटे बाद यातायात सुचारू हो सका।
वाहन में ही चली गई गर्भवती व गर्भस्थ शिशु की जान
उधर पुलिस के पहुंचने से पहले ही शास्त्री पुल पर लगे जाम में गर्भवती महिला को ले जा रहा वाहन भी फंस गया। जाम इस कदर था कि न वाहन आगे पा रहा था और न ही पीछे। इस दौरान गर्भवती महिला दर्द से छटपटा रही थी। उसकी वाहन में ही मौत हो गई। उसके पेट में पल रहा बच्चा भी मृत हो गया।
सरायइनायत के बनी गांव की रहने वाली थी सीमा
सरायइनायत थाना के बनी गांव के चंदन कुमार पेशे से मजदूर है। उसकी 25 वर्षीय पत्नी सीमा वर्मा गर्भवती थी। सोमवार को उसे बनी सीएचसी ले जाया गया और भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत खराब होने पर मंगलवार को शहर के लिए रेफर कर दिया गया।
सरकारी वाहन न मिलने पर प्राइवेट गाड़ी से ले जा रहे थे शहर
सरकारी वाहन न मिलने पर एक प्राइवेट वाहन से उसे प्रयागराज शहर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान जाम के कारण उसका वाहन झूंसी में फंस गया। इससे उसकी तथा उसके पेट में पल रहा बच्चा दोनों की मौत हो गई। और डिटेल एकत्र किया जा रहा है।
काश! मिल जाती एंबुलेंस तो शायद बच सकती थी जान
सरायइनायत निवासी गर्भवती सीमा वर्मा की मौत से दुखी पीड़ित परिवार से लेकर कई अन्य लोगों के मुंह से यही शब्द निकले कि काश! मिल जाती एंबुलेंस तो शायद गर्भवती की जान बच सकती थी। उनका कहना था कि भीषण जाम में अर्टिगा कार फंसी थी। अगर कार के बजाय गर्भवती महिला एंबुलेंस में होती तो शायद उस पर पुलिस से लेकर राहगीरों का ध्यान जाता, मगर ऐसा नहीं हुआ। जाम में कार कुछ ऐसे फंसी थी कि उसमें सवार पति सहित अन्य लोग बाहर निकलकर मदद की गुहार भी नहीं लगा सके।
थानाध्यक्ष बोले- जाम में फंसने से मौत की जानकारी नहीं
थानाध्यक्ष झूंसी महेश मिश्रा का कहना है कि जाम में फंसने के कारण गर्भवती के मौत की जानकारी नहीं है। वहीं, ट्रैफिक इंस्पेक्टर अमित कुमार का कहना है कि स्कार्पियो और कार में टक्कर होने के कारण जाम लगा था। राहगीर अपनी लेन छोड़कर दूसरी लेन पर चले गए, जिस कारण उस लेन भी जाम लगा।
मां की मौत पर बिलखते रहे बच्चे
चंदन कुमार का सबसे बड़ा पांच साल का बेटा प्रिंस और तीन साल की बेटी सरस है। पत्नी सीमा गर्भवती थी। घर में नए सदस्य के आगमन की सभी लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मगर किस्मत में शायद कुछ और ही लिखा था। सीमा की मौत होने पर परिवार वाले जब शव लेकर घर पहुंचे तो वहां मौजूद लोग रोने-बिलखने लगे। दोनों बच्चे भी अपनी की मौत पर बिलखते रहे। वह बार-बार मां को जगाने का प्रयास करते लेकिन कोई उत्तर नहीं मिल रहा था।
ग्राम प्रधान ने मदद का दिया आश्वासन
परिवार की महिलाएं दोनों बच्चों को अपने गोद में लेकर ढांढस बंधाती रहीं। ग्राम प्रधान प्रदीप सिंह ने घर पहुंचकर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
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