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    दीवाली पर घर में छाई खामोशी, बेरहमी से रिटायर्ड फौजी की हुई थी हत्या, 20 दिन बाद भी न्याय की उम्मीद में हैं स्वजन

    By TARA CHANDRA GUPTAEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 01:40 PM (IST)

    प्रयागराज में रिटायर्ड फौजी अमर सिंह की हत्या के 20 दिन बाद भी पुलिस हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रही है। दिवाली के मौके पर परिवार इंसाफ का इंतजार कर रहा है। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से लोगों में आक्रोश है।

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    प्रयागराज में रिटायर फौजी की हत्या का रहस्य बरकरार है, परिवार इंसाफ की आस में है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। एक तरफ लोग दीपोत्सव की तैयारी में जुटे हैं तो दूसरी ओर रिटायर फौजी अमर सिंह के घर में दुख भरी खामोशी छाई हुई है। पत्नी और बच्चे इस उम्मीद में आस लगाए बैठे हैं कि आखिरकार उन्हें इंसाफ कब मिलेगा।

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    ब्लाइंड मर्डर का नहीं हो सका राजफाश

    अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने का दावा करने वाली कमिश्नरेट पुलिस इस ब्लाइंड मर्डर का अब तक राजफाश नहीं कर सकी है, जिसकी वजह से पीड़ित परिवार निराशा में जी रहा है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि दिनदहाड़े हुई हत्या के 20 दिन बाद भी एयरपोर्ट पुलिस और एसओजी की टीम के हाथ पूरी तरह से खाली हैं।

    आरोपित के बारे में पुलिस नहीं लगा सकी सुराग 

    आरोपितों की गिरफ्तारी तो दूर उनके बारे में कोई सुराग नहीं लग सका है। इससे पुलिस की कार्यशैली और कार्यप्रणाली पर तमाम सवाल उठने लगे हैं। अमर सिंह के बेटे ने भी वीडियो प्रसारित कर पुलिस पर शिथिलता का आरोप लगाया है।

    कौशांबी के पश्चिम शरीरा इलाके के निवासी थे अमर सिंह  

    रिटायर्ड फौजी अमर सिंह कौशांबी जिले के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के अमीना का पूरा गांव के मूल निवासी थे। वह धूमनगंज थाना क्षेत्र के कसारी-मसारी मुहल्ले में परिवार के साथ रहते थे। करीब दो साल पहले उन्होंने एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में मोहिनी चौराहे के पास एक भूखंड खरीदा था। उस पर मकान बनवा रहे थे।

    युवकों ने लोहे की राड से सिर कूंचकर की थी हत्या

    बीते माह कुछ युवकों ने लोहे की राड से सिर कूंचकर अमर सिंह को मार डाला। करीब एक घंटे बाद मजदूर वहां पहुंचा तो निर्माणाधीन मकान के भीतर खून से लथपथ अमर सिंह की लाश देख चीख पड़ा। खबर मिलते ही थानाध्यक्ष एयरपोर्ट विनय सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की।

    अधिकारियों ने जल्द गिरफ्तारी का दिया था आश्वासन 

    अगले दिन घटना से नाराज लोगों ने शव रखकर जाम लगाया था। तब पुलिस अधिकारियों ने जल्द से जल्द आरोपितों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था, मगर वारदात के 20 दिन बाद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है।

    जानलेवा हमले में नामजद आरोपित खुलेआम घूम रहा

    हत्याकांड का खुलासा तो दूर एयरपोर्ट पुलिस और एसओजी की टीम पूर्व ब्लाक प्रमुख सोनू कुमार पर जानलेवा हमले के मुकदमे में नामजद आरोपित जितेंद्र मिश्रा की एक महीने बाद गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। इससे पीड़ित और उसका परिवार डरा-सहमा हुआ है।

    पुलिस कमिश्नर ने थानाध्यक्ष की कार्यशैली से नाराज हुए थे

    हैरान करने वाली बात यह है कि कुछ दिन पहले पुलिस कमिश्नर जोगेंद्र कुमार ने थानाध्यक्ष की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए वांछित अभियुक्त का वारंट बनवाने और इनाम घोषित कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी एयरपोर्ट पुलिस ने कुछ नहीं किया। इससे पुलिस की अपराधियों के साथ सांठगांठ के संकेत मिल रहे हैं।

    माफिया अतीक गिरोह का सक्रिय सदस्य है आरोपित 

    जानलेवा हमले में नामजद आरोपित जेपी दुबे माफिया अतीक गिराेह का सक्रिय सदस्य है और जितेंद्र उसका सहयोगी। माफिया अतीक गैंग को कमजोर करने का दंभ भरने वाले कुछ अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में शिथिलता बरत रहे हैं।

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