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    इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व ज्वाइंट रजिस्ट्रार के खाते से 15.67 लाख रुपये गायब, रुपये का गबन कैसे और किसने किया?

    By RAJENDRA PRASAD YADAVEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 02:04 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार अशोक कुमार वर्मा के खाते से 15.67 लाख रुपये गायब हो गए। उनकी पत्नी को इसका पता तब चला जब वे पैसे निकालने गईं। अधिकारियों ने जांच के लिए कमेटी गठित की है। खाते से रुपये नकद और चेक के माध्यम से निकाले गए। जांच जारी है और जल्द ही रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

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    प्रयागराज पूर्व रजिस्ट्रार के खाते से लाखों रुपये हेराफेरी करके निकाल लिया गया है, कमेटी जांच कर रही है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व ज्वाइंट रजिस्ट्रार अशोक कुमार वर्मा के खाते से 15.67 लाख रुपये गायब होने का मामला प्रकाश में आया है। इसका पता तब चला, जब उनके निधन के बाद उनकी पत्नी मधुबाला खाते से रुपये निकालने उप डाकघर हाई कोर्ट शाखा में पहुंचीं।

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    जांच के लिए कमेटी गठित 

    मामला अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा तो जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि तीन-चार दिन में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद पता चलेगा कि रुपये का गबन कैसे और किसने किया।

    पत्नी रकम निकालने उप डाकघर पहुंचीं तो पता चला 

    धूमनगंज के न्याय नगर कंहईपुर निवासी अशोक कुमार वर्मा इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार थे। उन्होंने हाई कोर्ट स्थित डाकघर शाखा में एक बचत खाता खुलवाया था। उसमें 15,67,669 रुपये जमा थे। 25 जून 2018 को उनका निधन हो गया था। इसके बाद उनकी पत्नी मधुबाला रकम निकालने के लिए उप डाकघर पहुंचीं तो पता चला कि खाते में किसी का नाम नामिनी के तौर पर नहीं था।

    सभी दस्तावेजों को लेकर उप डाकघर पहुंचीं 

    इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को एकत्र करना शुरू किया। लंबे समय तक सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 26 सितंबर 2025 को उनके नाम से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी हुआ। 24 अक्टूबर को वह सभी दस्तावेजों को लेकर उप डाकघर पहुंचीं। उन्होंने पति के खाते में जमा धनराशि को अपने खाते में स्थानांतरित कराने की बात कही।

    खाते में एक भी रुपये नहीं थे 

    इसके बाद पासबुक अपडेट किया गया, लेकिन जब मधुबाला ने पासबुक को देखा तो वह हतप्रभ रह गईं। खाते में एक भी रुपये नहीं थे। पूरे रुपये निकाले जा चुके थे। यह रकम अलग-अलग तिथियों पर नकद व चेक के माध्यम से निकाली गई थी।

    चार जुलाई को 10 लाख रुपये निकाले गए थे 

    चार जुलाई 2024 को तीन बार में 10 लाख रुपये नकद निकाले गए। शेष रकम चार दिन बाद यानी आठ जुलाई को चेक के माध्यम से और 13 सितंबर 2025 को नकद निकाले गए। इसकी जानकारी होते ही मधुबाला ने डाक विभाग के उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की, जिस पर मामले को गंभीरता से लिया गया। उन्हें आश्वस्त किया गया कि मामले की जांच होगी।

    क्या कहते हैं प्रवर डाक अधीक्षक

    प्रवर डाक अधीक्षक सुशील तिवारी का कहना है कि मामला संज्ञान में है। जांच टीम गठित की गई है। एक-एक बिंदु की जांच हो रही है। जिन तिथियों पर रुपये निकाले गए हैं, उस समय कौन अधिकारी व कर्मचारी तैनात थे, इसकी पूरी जांच टीम कर रही है। तीन-चार दिन में रिपोर्ट आ जाएगी और फिर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

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