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    Sri Krishna Janmabhoomi Case : श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मस्जिद पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में दी संशोधन अर्जी

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 04:58 PM (IST)

    Sri Krishna Janmabhoomi Case श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में मस्जिद पक्ष ने संशोधन याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की एकलपीठ ने मंदिर पक्ष से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि प्रतिवाद संशोधन अर्जी को कोर्ट ने पहले ही अनुमति दे दी है, लेकिन मूल प्रति में संशोधन नहीं मिला। कोर्ट ने नियम 17 के अनुपालन पर जोर दिया है।

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    Sri Krishna Janmabhoomi Case श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। 

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में शुक्रवार दोपहर भोजनावकाश के बाद मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि -शाही ईदगाह मस्जिद विवाद की सुनवाई करीब डेढ़ घंटे चली। न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की एकलपीठ ने कमेटी की तरफ से दाखिल प्रतिदावा संशोधन अर्जी पर मंदिर पक्ष के पक्षकारों से जवाब मांगा।

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    सभी पक्षकार 12 दिसंबर तक जवाब दाखिल कर दें 

    साथ ही निर्देश दिया कि सभी पक्षकार 12 दिसंबर तक जवाब दाखिल कर दें। इसी दिन अगली सुनवाई होगी। समेकित सभी 15 वादों को सुना गया। पक्षकारों ने विभिन्न वादों के अपने विचाराधीन प्रपत्रों का उल्लेख किया।

    शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने क्या कहा? 

    शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी का कहना है कि वाद संख्या पांच व सात में प्रतिवाद संशोधन अर्जी को कोर्ट ने 16 जनवरी 2025 के आदेश से अनुमति दे दी है। हालांकि पीठ को मूल प्रतिवाद की प्रति में संशोधन नहीं मिला।

    कोर्ट ने कहा- इसमें नियम 17 का अनुपालन नहीं हुआ है 

    कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की कि इसमें तो नियम 17 का अनुपालन ही नहीं हुआ है। वाद संख्या 17 में वादी के अधिवक्ता ने स्थगन आदेश दिया था, इसलिए सुनवाई नहीं हुई। इसे प्रतिनिधि वाद के रूप में चयनित किया गया है।

    पहले संशोधन अर्जी पर सुनवाई होगी 

    कमेटी की तरफ से कहा गया कि पिछले प्रार्थना पत्र में वाद संख्या 17 की ही सुनवाई का अनुरोध किया गया है। कोर्ट ने कहा कि पहले संशोधन अर्जी पर सुनवाई होगी। कोई भी पक्षकार आवेदन देकर आवश्यकता पड़ने पर केस के रिकार्ड का अध्ययन कर सकता है।

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